पुणे, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। पुणे एटीएस द्वारा गिरफ्तार आतंकी जुबैर हंगरगेकर को लेकर जांच में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस मामले ने अब और भी गंभीर रूप ले लिया है। एटीएस की शुरुआती जांच में ही साफ हो गया था कि जुबैर किसी मामूली साजिश का हिस्सा नहीं था, बल्कि वह लंबे समय से आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।
ताजा जांच में उसके हांगकांग और अफगानिस्तान से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का भी खुलासा हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है।
दरअसल, मुंबई के पास ठाणे जिले के पडघा इलाके में एटीएस की रेड के दौरान जुबैर की गतिविधियों को लेकर अहम जानकारी सामने आई थी। यह वही इलाका है, जिसे कुख्यात आतंकी शाकिब नाचन का गढ़ माना जाता है। जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी के संपर्क और प्रभाव में आकर जुबैर आतंक की राह पर चला। इसके बाद उसने न सिर्फ खुद आतंकी गतिविधियों में हिस्सा लिया, बल्कि युवाओं को बरगलाकर उन्हें आतंक के रास्ते पर ले जाने और प्रशिक्षण देने का काम भी शुरू कर दिया।
एटीएस पूछताछ में जो नया और सबसे चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, वह यह है कि जुबैर के तार सिर्फ देश के भीतर ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैले थे। जांच में पता चला है कि वह हांगकांग और अफगानिस्तान में मौजूद आतंकियों के संपर्क में था। वह इन विदेशी मॉड्यूल्स के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था।
एटीएस को आशंका है कि वह किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी में था, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया।
इन्हीं गंभीर खुलासों के बाद गुरुवार को एटीएस ने जुबैर को दोबारा पुलिस कस्टडी में लिया है, ताकि उससे और गहराई से पूछताछ की जा सके।
पुणे एटीएस ने बुधवार को जुबैर हंगरगेकर को हिरासत में लिया था और अब उसे 3 जनवरी 2026 तक एटीएस पुणे की कस्टडी में भेज दिया गया है। यूएपीए कानून के तहत किसी आरोपी को कुल 30 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है। जुबैर पहले ही 18 दिनों की हिरासत पूरी कर चुका था और आगे की जांच के लिए बाकी अवधि की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
फिलहाल एटीएस इस पूरे मामले की हर कड़ी को जोड़ने में जुटी है, ताकि आतंकी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके।

