भोपाल, 3 अगस्त (आईएएनएस)। मालेगांव केस में बरी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल लौटने के बाद विपक्ष पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मालेगांव विस्फोट पर अदालत का फैसला उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जिन्होंने भगवा को आतंक बताया।
पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता है, वह सहिष्णु है। हिंदुओं की यह भावना होती है कि कोई भी दुख का भागी न हो और सभी सुखी और निरोगी रहें। इसी दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “कौन कहता है आतंकवाद का रंग नहीं होता? निश्चित रूप से रंग होता है।”
प्रज्ञा सिंह ठाकुर रविवार को भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर पहुंचीं। यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मालेगांव केस पर कहा कि सत्य की जीत हुई है और जीत तो होनी ही थी। प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुंह काले हुए हैं। समाज और देश ने उन्हें ठोस जवाब दिया है। अदालत का फैसला बिल्कुल स्पष्ट है। यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जिन्होंने इसे ‘भगवा आतंकवाद’ कहा था।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “इन लोगों (विपक्षी दल) ने पहले भी ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘हिंदू आतंकवाद’ कहा है। महाराष्ट्र के चव्हाण (पृथ्वीराज चव्हाण) ने ‘सनातन आतंकवाद’ और ‘हिंदुत्व आतंकवाद’ पर बात की है। वे एक ही श्रेणी के लोग हैं। वे सभी कांग्रेस के सदस्य हैं।”
कांग्रेस का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, “हमेशा मुस्लिमानों के लिए कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति अपनाई। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में एजेंसियों का भरपूर इस्तेमाल किया और हिंदुओं को प्रताड़ित किया। हिंदुओं को जिस भी तरह से प्रताड़ित किया जा सकता था, वह सब कुछ किया गया। भगवा और हिंदुत्व को आतंकवाद कहा गया; कांग्रेस की यह निम्न स्तर की सोच थी। कांग्रेस ने पूरा कुचक्र रचा, जो देशद्रोह में आता है।”
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आगे कहा, “जिन लोगों ने देश और हिंदुत्व के विरुद्ध षड्यंत्र किया, सेना, संघ और संतों को टारगेट किया, उन लोगों की नीति थी कि हिंदू नेताओं और देशभक्तों को हटाया जाए, ताकि पूरे देश में कांग्रेस का शासन हो। ऐसे लोगों ने कुचक्र रचा है, जिनके खिलाफ कोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं।”
इस दौरान पूर्व भाजपा सांसद ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को ‘दिग्भ्रमित’ कहा। सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘वह उल्लेख करने लायक व्यक्ति नहीं हैं। उनका नाम नहीं लिया जाना चाहिए, जो उनका नाम लेगा उसका दिन खराब हो जाएगा।”