आजादी के बाद पहली बार चुनाव आयोग पर उठे इतने सवाल : सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद

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लखनऊ, 19 जुलाई (आईएएनएस)। चुनाव आयोग पर विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि चुनाव आयोग पर इतने सवाल उठाए जा रहे हैं। आजाद भारत में इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था।

शनिवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुखपत्र सामना में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जिस तरीके से चुनाव आयोग पर सवाल किया है, उसका समाजवादी पार्टी समर्थन करती है। क्योंकि, चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव कराना है। लेकिन, महाराष्ट्र चुनाव के बाद जिस तरह से बिहार में वोटर वेरिफिकेशन को लेकर एक तरफा रवैया अपनाया जा रहा है, वह कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं कर रही है।

मराठी भाषा पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो जनता से वादे किए थे उन पर चर्चा नहीं हो रही है। महाराष्ट्र में रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने के बावजूद यहां तेल महंगा मिल रहा है। यूपी में कांवड़ यात्रा पर चर्चा और महाराष्ट्र में मराठी भाषा विवाद पर चर्चा हो रही है। जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा रही है।

बिहार में एसआईआर को लेकर भाजपा के नेताओं की ओर से विधानसभाओं में फीडबैक लेने पर उन्होंने कहा कि भाजपा का चुनाव आयोग के साथ गठबंधन है। भाजपा जैसा चाह रही है आयोग वैसा ही कर रहा है। जबकि आयोग का काम निष्पक्ष होना है। फीडबैक के नाम पर भाजपा के नेता बस दिखावा कर रहे हैं।

ताजिया पर योगी आदित्यनाथ के बयान पर उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ देश में हिंदू-मुसलमान करना जानती है। जनता के असल मुद्दों पर ध्यान नहीं है। भाजपा की परंपरा है कि धार्मिक आस्था पर राजनीति करती है। देश में कभी ऐसा माहौल नहीं बना। भाजपा को जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन, वह बांटने की राजनीति कर रही है।

संघ और सीपीआई(एम) में लोगों के लिए भावना नहीं है, राहुल गांधी के इस बयान पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी के सीपीआई (एम) को लेकर जो विचार हैं, हम उनसे सहमत नहीं हैं। संघ की विचारधारा जरूर मेल नहीं खाती है। संघ का हम हमेशा विरोध करते हैं, क्योंकि उनकी नीतियां देश के लिए ठीक नहीं है।

वहीं, उदित राज के बयान पर उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रियों का पुलिस वेरिफिकेशन संभव नहीं है। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।