अब्दुल बारी सिद्दीकी ने यूएन बिस्वास के आरोपों को किया खारिज, बोले-लालू यादव को फंसाया गया था

0
8

पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। चारा घोटाला मामले के जांचकर्ता पूर्व सीबीआई अधिकारी उपेंद्र नाथ बिस्वास के खुलासे के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लालू प्रसाद को जानबूझकर केस में फंसाया गया था।

अब्दुल बारी सिद्दीकी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अगर सीबीआई के पूर्व अधिकारी कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव को बचाने की कोशिश की गई, तो हम कहते हैं कि वास्तव में उन्हें फंसाने की कोशिश की गई थी। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया था।”

नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि अगर प्रदेश में सरकार बदलती है तो आने वाले दिनों में कई तरह के घोटाले देखने को मिलेंगे। आज जनता परेशान है। जनता की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से ज्यादा भ्रष्टाचार मौजूदा सरकार में देखने को मिल रहा है। आम जनता अगर कोई काम कराने जाती है तो उनको हर टेबल पर पैसा देना होता है। इसके बाद ही उनकी कहीं सुनवाई होती है। इस सरकार ने ही भ्रष्टाचार को बढ़ाया है।

चारा घोटाला मामले में पूर्व सीबीआई अधिकारी उपेंद्र नाथ बिस्वास ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कई बड़े खुलासे किए थे।

उन्होंने सिस्टम की उन खामियों की आलोचना की थी जिनके कारण जेल में बंद एक दोषी को स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत मिलने के बाद खुलेआम घूमने की अनुमति मिल गई थी।

बिस्वास ने कहा था कि हमारी व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। कानून के अनुसार, लालू अभी भी जेल में हैं और उन्हें खराब स्वास्थ्य के कारण जमानत दी गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। वे बीमार हैं और उन्हें हर दिन इलाज की जरूरत है।

विश्वास ने लालू के खुलेआम घूमने पर अपनी बेबसी जाहिर की थी, जिससे चारा घोटाला के आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में उन्हें दोषसिद्धि और सजा दिलाने की सीबीआई टीम की कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया था।

उन्होंने कहा कि हमारा कानून ऐसा है कि अगर आप बीमार हैं और आपको बीमारी के लिए जमानत मिल जाती है, तो आप आजाद हैं। व्यावहारिक तौर पर, लालू आजाद हैं, लेकिन तकनीकी तौर पर वे अभी जेल में हैं और सजा काट रहे हैं।