अभिषेक बनर्जी ने पीएम मोदी के ‘ड्रामा’ वाले बयान की आलोचना की, बंगाल में बीएलओ की मौतों पर मांगी जवाबदेही

0
10

कोलकाता, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने विपक्ष से संसद में “ड्रामा” के बजाय प्रदर्शन पर ध्यान देने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) से जुड़ी 40 लोगों की कथित मौतों के लिए जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रहा है।

अभिषेक बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना के महेशतला इलाके में ‘सेवाश्रय 2’ हेल्थ कैंप का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए स्‍पष्‍ट किया कि एसआईआर पर संसदीय बहस की मांग करना “ड्रामा” नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि विपक्ष एसआईआर पर बहस की मांग कर रहा है। क्या यह ड्रामा है? अगर लोगों की आवाज उठाना ड्रामा है, तो लोग अगले चुनाव में सरकार को जवाब देंगे।”

उन्होंने सवाल किया कि राज्य में बिना किसी संबंधित पक्ष से सलाह लिए एसआईआर लागू किए जाने के कारण बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) समेत लगभग 40 लोगों की मौत हो गई। बीएलओ ने खुद इन मौतों के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार की जवाबदेही कहां है?”

टीएमसी के लोकसभा सांसद ने आरोप लगाया कि दस साल पहले नोटबंदी के दौरान लोगों को लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ा था, फिर भी काले धन का प्रवाह बढ़ता ही गया। उन्होंने पूछा कि जब दिल्‍ली में विस्‍फोट हुए और आतंकवादी देश में घुसने में कामयाब हो गए, तो जवाबदेही कहां थी। उन्होंने आगे कहा कि बिना तैयारी के एसआईआर प्रक्रिया की वजह से करीब 40 लोगों की जान चली गई।

उन्होंने आरोप लगाया, “वे लोगों को जवाब दिए बिना जवाबदेही का मजा लेना चाहते हैं।”

बनर्जी ने कहा कि विपक्ष चाहता था कि संसद सुचारु रूप से चले, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि बिहार चुनाव में जीत के बाद भी सरकार रक्षात्‍मक क्यों दिख रही थी।

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले उनकी यह टिप्‍पणी प्रधानमंत्री मोदी की बातों के बाद आई, जिसमें उन्होंने विपक्ष पर संसद का इस्‍तेमाल या तो चुनावों की तैयारी के लिए या हार के बाद अपनी हताशा दूर करने के लिए करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि ड्रामा के लिए दूसरी जगहें भी है और संसद को काम करने की जगह होना चाहिए, ड्रामा करने की नहीं।

उनके बयान पर जवाब देते हुए, अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कुछ राज्यों में जीत हासिल करने से सरकार जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो जाती।

उन्होंने चेतावनी दी कि यही मतदाता उन्‍हें पद से हटा सकते हैं।

उन्होंने कहा, “हम पहलगाम और एसआईआर अभियान में 40 लोगों की मौत पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि यह एक ड्रामा है। हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि जिस तरह से यह चलाया जा रहा है, उसके खिलाफ हैं।

टीएमसी नेता ने दावा किया कि बूथ-लेवल अधिकारियों को ठीक से प्रशिक्षण नहीं दी गई थी, फॉर्म अपलोड करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप में तकनीकी खामियों को ठीक नहीं किया गया था और उनके लिए मतदाता सूची को डिजिटल नहीं किया गया था।

उन्होंने बताया कि जब विपक्ष ने इन मामलों पर चर्चा की मांग की, तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ड्रामा कहना शुरू कर दिया।