एडीजीपी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने निष्पक्ष जांच की उठाई मांग

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने राज्य में सनसनी फैला दी है। इस मामले में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गंभीर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक एडीजीपी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना और जांच में देरी के बाद उनकी पत्नी, जो स्वयं एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, को सुसाइड नोट के साथ पुलिस के पास पहुंचना पड़ा, यह व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

हुड्डा ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि जब एक होनहार और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इस हद तक मजबूर हो जाता है कि उसे आत्महत्या का रास्ता चुनना पड़ता है और उनकी पत्नी सुसाइड नोट के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाती हैं, तो यह पूरी प्रशासनिक और सामाजिक व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच जरूरी है ताकि दोषियों को सजा मिले और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

कांग्रेस सांसद ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर बताते हुए कहा कि यह केवल एक अधिकारी की आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारी व्यवस्था में व्याप्त जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की गहरी जड़ों को उजागर करता है।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले में हस्तक्षेप करने और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने की अपील की ताकि सच सामने आए और दोषियों को कठोर सजा मिले। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला देश भर के प्रशासनिक अधिकारियों और समाज के लिए एक चेतावनी है। इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और कार्यस्थल पर जातिगत उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए सख्त नीतियां लागू की जाएं।

जानकारी के अनुसार, वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न और मानसिक दबाव डालने का आरोप लगाया था। उनकी पत्नी ने इस नोट के आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।