नर्मदा घाटी विभाग में पदोन्नति में ‘धांधली’ का आरोप, पूर्व विधायक समरीते ने की लोकायुक्त जांच की मांग

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भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते ने नर्मदा घाटी विकास विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने दो वरिष्ठ अधिकारियों की पदोन्नति को “नियमों का खुला उल्लंघन” बताते हुए लोकायुक्त पुलिस से अपराध पंजीबद्ध कर विस्तृत जांच की मांग की है।

मुख्य अभियंता से लेकर प्रमुख अभियंता तक ‘गायब’ हुई फाइलें

समरीते के अनुसार, विभाग के अधिकारी डी.एल. वर्मा को मुख्य अभियंता पद से आगे बढ़ाते हुए प्रमुख अभियंता बना दिया गया, लेकिन उनकी कार्यपालन यंत्री से अधीक्षण यंत्री तक की पदोन्नति संबंधी फाइल विभागीय रिकॉर्ड से गायब बताई जा रही है। पूर्व विधायक का कहना है कि यह स्थिति स्पष्ट रूप से संकेत देती है कि पदोन्नति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएँ हुई हैं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जानबूझकर गायब किया गया।

बंद लिफाफे में पूरी हुई पदोन्नति? विनोद देवड़ा पर भी आरोप

दूसरे मामले में, अधिकारी विनोद देवड़ा को कार्यालय यंत्री से अधीक्षण यंत्री, और फिर अधीक्षक यंत्री से मुख्य अभियंता तक की पदोन्नति “बंद लिफाफे में विभागीय जांच” के आधार पर की गई। इसके बाद उन्हें प्रमुख अभियंता (जल संसाधन) के पद पर पदोन्नत कर दिया गया।

समरीते का आरोप है कि यह प्रक्रिया न केवल गैर-पारदर्शी थी, बल्कि इसमें सभी नियमों की अनदेखी की गई। उनके अनुसार, “बिना खुली जांच और बिना वैध आधार के इतनी बड़ी पदोन्नतियाँ कैसे दे दी गईं, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।”

लोकायुक्त से अपराध दर्ज करने और दस्तावेज जब्त करने की मांग

पूर्व विधायक ने कहा कि यह मामला केवल अनियमितताओं का नहीं है बल्कि गंभीर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का है।
उन्होंने लोकायुक्त पुलिस को भेजी शिकायत में मांग की है कि –

दोनों पदोन्नति मामलों में अपराध पंजीबद्ध किया जाए

संबंधित फाइलों, जांच रिपोर्ट, पदोन्नति आदेशों और विभागीय पत्राचार को तुरंत जब्त किया जाए

पूरी प्रक्रिया की निष्पक्ष और खुली जांच की जाए

समरीते ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने इस मुद्दे से जुड़े दस्तावेजों के साथ मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन को लिखे गए अपने पत्र की प्रति भी संलग्न की है। उन्होंने यह प्रकरण मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजा है।

नर्मदा घाटी विकास विभाग की भूमिका

नर्मदा घाटी विकास विभाग, जिसे आमतौर पर नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (NVDA) कहा जाता है, मध्य प्रदेश सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है। यह नर्मदा नदी बेसिन में—

जल संसाधनों के विकास
प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं
जल विद्युत उत्पादन
विस्थापित परिवारों के पुनर्वास
पर्यावरण संरक्षण
– जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जिम्मेदार है।

इसी विभाग में कई बड़े पदों पर हुई इन पदोन्नतियों को लेकर उठे सवाल अब एक गंभीर विवाद का रूप लेते दिख रहे हैं।