नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार को नई दिल्ली में ‘भगोड़े अपराधियों का प्रत्यर्पण – चुनौतियां और रणनीतियां’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में भगोड़े अपराधियों को भारत लाकर न्याय के दायरे में लाने की रणनीतियों पर गहन विचार-विमर्श होगा।
सम्मेलन में केन्द्रीय और राज्य पुलिस एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अन्य हितधारक हिस्सा लेंगे। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग को मजबूत करने, भगोड़ों को ट्रैक करने और उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को सुगम बनाने पर केंद्रित होगा।
चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का प्रभावी उपयोग, प्रौद्योगिकी का लाभ, वित्तीय फुटप्रिन्ट का विश्लेषण और रणनीतिक दृष्टिकोण शामिल होंगे। नार्को, आतंकवाद, साइबर अपराध, संगठित अपराध और आर्थिक अपराधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय जांच के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने भगोड़े अपराधियों को वापस लाने के लिए समन्वित और समयबद्ध दृष्टिकोण पर बल दिया है। सीबीआई ने इसी उद्देश्य से यह सम्मेलन आयोजित किया है, ताकि कानूनी और कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से भगोड़ों के प्रत्यर्पण को प्रभावी बनाया जा सके।
वर्तमान में विभिन्न देशों में 300 से अधिक भारतीय भगोड़ों के प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं। ये भगोड़े अक्सर अपने प्रत्यर्पण को बाधित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का सहारा लेते हैं। कई मामलों में संगठित आपराधिक गिरोहों से जुड़े अपराधी विदेशों में रहकर भी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इस सम्मेलन में कानून प्रवर्तन एजेंसियां और विशेषज्ञ इन चुनौतियों का विश्लेषण कर एक ठोस रोडमैप तैयार करने पर विचार करेंगे।
इस साल की शुरुआत में अमित शाह ने सीबीआई के ‘भारतपोल’ पोर्टल का शुभारंभ किया था, जो जिला पुलिस, राज्य पुलिस, केन्द्रीय एजेंसियों और सीबीआई के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाता है। यह पोर्टल भगोड़ों को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श से नई अंतर्दृष्टि और रणनीतियां सामने आएंगी, जो भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने में सहायक होंगी। यह आयोजन भारत की अपराध-नियंत्रण नीतियों को वैश्विक स्तर पर और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।