नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, सरकार अंगदान और प्रत्यारोपण को निरंतर सुव्यवस्थित कर रही है, ताकि अधिक से अधिक नागरिकों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि शहरों के बीच अंगों की समय पर और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने और सफल अंग प्रत्यारोपण सुनिश्चित करने के लिए हम बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षित जनशक्ति की उपलब्धता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जेपी नड्डा ने सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तत्वावधान में यहां डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) द्वारा आयोजित 15वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर यह बात कही। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की कार्यवाहक सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा भी उपस्थित थीं।
नड्डा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा आज का दिन करुणा, आशा और क्षति पर जीवन की विजय की भावना का उत्सव है। अंगदान मानवता के सबसे महान कार्यों में से एक है। ऐसी दुनिया में जहां चिकित्सा विज्ञान ने असाधारण प्रगति की है, अंगदान किसी और के लिए किया जा सकने वाला सबसे बड़ा योगदान है।
उन्होंने ने अंगदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अंगों के काम करना बंद करने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है, जिससे जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है। हर साल हजारों लोग अंग प्रत्यारोपण का इंतजार करते हैं। इस तात्कालिक आवश्यकता के बावजूद प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षारत रोगियों और उपलब्ध दाताओं की संख्या के बीच एक बड़ा अंतर बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, “यह अंतर इच्छाशक्ति की कमी के कारण नहीं, बल्कि अक्सर जागरूकता की कमी और मिथकों व भ्रांतियों में निहित झिझक के कारण होता है। इसलिए आज का दिन एक महत्वपूर्ण दिन है जो हमें जागरूकता फैलाने, बातचीत को प्रोत्साहित करने और दाताओं व उनके परिवारों का सम्मान करने का एक मंच प्रदान करता है।”
नड्डा ने अंगदान की दिशा में भारत द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा, ” आधार आधारित नोटो ऑनलाइन प्रतिज्ञा वेबसाइट के 2023 में शुभारंभ के बाद, 3.30 लाख से अधिक नागरिकों ने अंगदान का संकल्प लिया, जो जनभागीदारी का एक ऐतिहासिक क्षण है। प्रतिज्ञा पंजीकरण में यह वृद्धि इस साझा लक्ष्य के प्रति नागरिकों में बढ़ती जागरूकता और समर्पण को दर्शाती है।” उन्होंने कहा, “हमारे प्रत्यारोपण पेशेवरों के अटूट समर्पण के कारण, भारत ने 2024 में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण करने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जो किसी एक वर्ष में दर्ज अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड है। यह 2013 में 5,000 से भी कम प्रत्यारोपणों की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण छलांग है। अंग प्रत्यारोपण की कुल संख्या के मामले में भारत विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है, केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से पीछे।”
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत अपनी अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा क्षमताओं और अपने चिकित्सा पेशेवरों के अटूट समर्पण को दर्शाते हुए हाथ प्रत्यारोपण में दुनिया में अग्रणी है।
नड्डा ने अंगों की आवश्यकता और उपलब्ध दाताओं के बीच अंतर के मुद्दे पर बात की और अधिक जागरूकता, अधिक सार्वजनिक संवाद, परिवारों की समय पर सहमति और रोगग्रस्त अंगदान का समर्थन करने के लिए एक मजबूत प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “प्रत्येक अंगदाता एक मूक नायक है, जिसका निस्वार्थ कार्य दुःख को आशा में और क्षति को जीवन में बदल देता है। एक व्यक्ति हृदय, फेफड़े, यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय और आंतें दान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है। इसके अतिरिक्त, ऊतक दान के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है।”
उन्होंने अंग प्रत्यारोपण के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा, “अंग प्रत्यारोपण को और अधिक सुलभ बनाने के लिए, राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत गरीब मरीजों को किडनी, लिवर, हृदय और फेफड़ों के प्रत्यारोपण के लिए 15 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। गरीब मरीजों को प्रत्यारोपण के बाद चिकित्सा व्यय को पूरा करने के लिए प्रति माह 10,000 रुपए तक की सहायता प्रदान की जाती है। किडनी प्रत्यारोपण पैकेज को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) में भी शामिल किया गया है।”
नड्डा ने जोर देकर कहा, “अस्वस्थ जीवनशैली और खान-पान की आदतें अंगों के काम करना बंद करने के प्रमुख कारणों में से हैं, इसलिए निवारक उपाय और जीवनशैली में सुधार जरूरी है।” उन्होंने सभी से समग्र स्वास्थ्य के लिए योग अपनाने का आग्रह करते हुए कहा, “आयुर्वेद और योग हमारे अंगों को मजबूत बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के सरल उपाय प्रदान करते हैं। हमें समग्र स्वास्थ्य के लिए योग अपनाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने हमें बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में सक्रिय कदम उठाने के लिए बार-बार प्रोत्साहित किया है। उन्होंने ऐसा ही एक प्रभावशाली संदेश दिया है, तेल की खपत में 10 प्रतिशत की कमी लाने का आह्वान, जो एक स्वस्थ, रोगमुक्त भविष्य के निर्माण की दिशा में एक सरल लेकिन प्रभावशाली कदम है। उन्होंने यह छोटा लेकिन सार्थक कदम उठाने का आग्रह किया क्योंकि यह केवल तेल की खपत में कटौती करने के बारे में नहीं है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य की रक्षा, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम और हमारे समग्र कल्याण में सुधार के लिए सचेत विकल्प बनाने के बारे में भी है।”
नड्डा ने अंगदान करने वाले परिवारों के साहस, करुणा और त्याग के लिए उनका आभार व्यक्त किया और डॉक्टरों, समन्वयकों, नर्सों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों की उनके ‘अटूट समर्पण’ के लिए सराहना की, जो जीवन का दूसरा मौका संभव बनाते हैं। उन्होंने अंगदान और प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की और विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने का आग्रह किया। उन्होंने ‘अंगदान को एक जन आंदोलन बनाने’ का आह्वान किया, एक ऐसा जन आंदोलन जो वसुधैव कुटुम्बकम, यानी पूरी दुनिया एक परिवार है, के सार को प्रतिबिंबित करे।
भारतीय अंगदान दिवस का 15वां संस्करण वर्ष भर चलने वाले राष्ट्रीय अभियान ‘अंगदान-जीवन संजीवनी अभियान’ के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य पूरे देश में अंग और ऊतक दान को बढ़ावा देना है। यह अभियान जनभागीदारी बढ़ाने, मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने और नागरिकों को अंगदान का संकल्प लेने के लिए प्रेरित करने पर जोर देता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंगदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और निस्वार्थ भाव से अंगदान करने वाले लोगों और उनके परिवारों को सम्मानित करना था, जिन्होंने जीवनदान दिया है।