कश्मीर में शांति की नई सुबह, आतंकवाद पर लगी लगाम : संजय निरुपम

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मुंबई, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि धारा-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है और आतंकवाद पर काफी हद तक नियंत्रण स्थापित हुआ है।

उन्होंने कहा, “यह एक बड़ा सच है, अनुच्छेद 370 हटाते समय प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटा गया। अब इन केंद्रशासित प्रदेशों की अपनी मांगें हैं। सुप्रीम कोर्ट को वहां की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि ये सीमावर्ती क्षेत्र हैं और इनकी संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला किया जाना चाहिए।”

बिहार में एनडीए गठबंधन में सीट साझेदारी के मुद्दे पर संजय निरुपम ने कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से तूल दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि तीन दलों के गठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान स्वाभाविक है। भाजपा और जेडीयू बड़ी पार्टियां हैं, जबकि चिराग पासवान और जीतनराम मांझी की छोटी पार्टियां अधिक सीटों की मांग करती हैं। इस पर कई दौर की बातचीत चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए जल्द एक संतुलित फैसला करेगा। पूरा बिहार एनडीए के समर्थन में है और कोई भी दल इस सकारात्मक माहौल को खराब नहीं करेगा।

उत्तर प्रदेश के बरेली और संभल पर बोलते हुए संजय निरुपम ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस उनका विरोध क्यों कर रही है?

निरुपम ने सवाल उठाया, “क्या कांग्रेस जिहादी प्रवृत्ति का समर्थन करती है? क्या वह चाहती है कि दंगे हों, हिंदुओं पर हमले हों, और उनकी जमीनों पर कब्जा हो?”

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बोलते हुए निरुपम ने एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की।

उन्होंने कहा कि इजरायल भारत का मित्र देश है और नेतन्याहू हमास के हमलों के बाद अपने नागरिकों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह लड़ाई हमास के खिलाफ है, न कि फिलिस्तीनियों के।

उन्होंने कहा कि अगर फिलिस्तीनी शांति चाहते हैं, तो उन्हें हमास से मुक्ति पानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने शांति प्रयास आगे बढ़ाए हैं और प्रधानमंत्री मोदी ने उसका समर्थन किया है। ओवैसी को इस विषय पर ऐतराज करने का कोई अधिकार नहीं है।