नामसाई, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। असम राइफल्स ने अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में एक त्वरित और सटीक अभियान में उल्फा (आई) के एक उग्रवादी को मार गिराया। अपहरण और जबरन वसूली में शामिल उग्रवादियों की गतिविधियों के बारे में विशेष खुफिया जानकारी मिलने पर, सैनिकों ने नामसाई जिले के 6 मील क्षेत्र में एक अभियान शुरू किया।
जानकारी के अनुसार गश्ती दल पर अज्ञात उग्रवादियों ने गोलीबारी की। असाधारण साहस और कुशलता का परिचय देते हुए सैनिकों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। इसके परिणामस्वरूप एक उग्रवादी मारा गया। इसके बाद इलाके की तलाशी में युद्ध जैसे सामान बरामद हुए। प्रारंभिक खुफिया आकलन से पुष्टि हुई है कि मारा गया उग्रवादी उल्फा (आई) गुट से जुड़ा था।
इससे पहले पूर्वोत्तर भारत में संचालित एक श्रृंखलाबद्ध और समन्वित आतंक-रोधी अभियानों में असम राइफल्स ने हाल के सप्ताहों में उग्रवादी संगठनों उल्फा (आई) और एनएससीएन–के (वाईए) द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के अनेक प्रयासों को विफल किया है। सटीक योजना, सक्रिय तैनाती ग्रिड और प्रभावी खुफिया समन्वय के माध्यम से सुरक्षा बलों ने अपने इस अभियान में उत्कृष्ट परिचालन तैयारी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया।
जानकारी के मुताबिक, 16 अक्टूबर को एनएससीएन–के (वाईए) के उग्रवादियों ने दक्षिण अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के हेडमैन कैंप पर हमला करने का प्रयास किया, जिसे असम राइफल्स के त्वरित और प्रभावी प्रत्युत्तर से नाकाम कर दिया गया। इसके अगले दिन, 17 अक्टूबर को उल्फा (आई) ने असम के काकोपाथार कैंप पर इसी तरह का हमला करने की कोशिश की।
सतर्क जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए एक उग्रवादी को मार गिराया और एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया जो साजिश में शामिल था। इसके बाद असम राइफल्स ने अपने अभियान तेज कर दिए और आधुनिक निगरानी उपकरणों, ड्रोन तथा खुफिया-आधारित हाई-टेक टीमों से समर्थित एक व्यापक आतंक-रोधी ग्रिड सक्रिय किया।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अब उग्रवादी संगठन भागने पर मजबूर हैं, उनके नेटवर्क ध्वस्त हो चुके हैं और नेतृत्व पर दबाव बढ़ गया है। असम राइफल्स की अडिग भूमिका, पेशेवर योजना और दृढ़ निष्पादन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वे पूर्वोत्तर भारत में शांति और स्थिरता के सच्चे रक्षक, ‘सेंटिनल्स ऑफ द नॉर्थ ईस्ट’ हैं।













