बांग्लादेश में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प में 10 लोग घायल

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ढाका, 2 जुलाई (आईएएनएस)। बांग्लादेश के चटगांव के पाटिया उप-जिले में पाटिया पुलिस स्टेशन के बाहर पुलिस और स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (एसएडी) के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प में चार पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है।

बांग्लादेश में छात्रों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प देर मंगलवार रात 9 बजे के आसपास हुई, जब स्टूडेंट्स ‘अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के कार्यकर्ताओं ने ‘शासक दल’ के एक नेता को केंद्रीय शहीद मीनार के पास हिरासत में लिया। बताया जा रहा है, इस झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं।

इसमें पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ सदस्यों ने स्टेशन परिसर के अंदर लड़ाई-दंगा पैदा होने का प्रयास किया था। वहीं, मामले को लेकर बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र, ‘द डेली स्टार’ के मुताबिक, इस घटना की वजह से पुलिस को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद वहां हाथापाई शुरू हो गई।

पुलिस कार्यवाही के बाद ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के सदस्यों ने बुधवार सुबह “पाटिया नाकाबंदी” नामक विरोध आंदोलन शुरू कर दिया, जिसकी वजह से वहां पर और ज्यादा आक्रोश पैदा हो गया।

पटिया पुलिस स्टेशन के प्रभारी जायेद नूर ने स्थानीय मीडिया को बताया कि प्रदर्शनकारी पुलिस स्टेशन में एक जुलूस लेकर आए और प्रतिबंधित छात्र लीग के नेता को पुलिस स्टेशन के अंदर पीटा। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। बहस के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और पुलिस के साथ हाथापाई की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पुलिस स्टेशन से बाहर निकाल दिया।

नूर ने पुष्टि की कि घटना में चार पुलिसकर्मी और छह एसएडी नेता घायल हुए हैं। वहीं, पुलिस सामान्य डायरी (जीडी) दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

दूसरी ओर, एसएडी ने पुलिस पर अत्यधिक बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। एसएडी की चटगांव महानगर इकाई के संयुक्त संयोजक रिजवान सिद्दीकी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “खबर सुनने के बाद मैं पाटिया में घटनास्थल पर गया। हमारे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने डंडों से पीटा। मेरे कई भाइयों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा।”

उन्होंने कहा कि पहली झड़प के दौरान एसएडी के छह नेता घायल हो गए। कथित तौर पर रात 11:30 बजे के आसपास एक और विवाद हुआ, जिसके दौरान सिद्दीकी ने दावा किया कि नौ और कार्यकर्ता घायल हो गए, जबकि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बुधवार सुबह की नाकाबंदी पर आधिकारिक बयान के लिए अधिकारी नूर से संपर्क करने का प्रयास किया गया था, उस समय उनसे संपर्क नहीं हो सका।

हालांकि, अपने पिछले बयानों में उन्होंने दोहराया था कि एसएडी सदस्यों ने पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने की कोशिश की थी और हिरासत में लिए गए सीएल नेता पर शारीरिक हमला किया था, जिसके बाद पुलिस को जवाब देना पड़ा। स्थानीय मीडिया आउटलेट प्रोथोम एलो ने यह भी बताया कि पुलिस ने शुरू में छात्र लीग के नेता को गिरफ्तार करने का इरादा नहीं किया था, क्योंकि उनके खिलाफ कोई औपचारिक मामला नहीं था। हालांकि, बढ़ते तनाव ने पुलिस को उन्हें हिरासत में लेने के लिए मजबूर किया, जिसके बाद हिंसक दृश्य भड़क उठे।