नई दिल्ली
दुनियाभर में सबसे धनी मंदिर ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने आने वाले कुछ वर्षों में सभी राज्यों में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की स्थापना करने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की एक यह महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है, जिसके तहत भारत के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में तिरुपति मंदिर की कम से कम एक प्रतिकृति का निर्माण करके भगवान बालाजी की अखिल भारतीय उपस्थिति सुनिश्चित की जानी है। फिलहाल, देशभर में कई स्थानों जैसे जम्मू, नवी मुंबई, गुजरात और छत्तीसगढ़ में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की प्रतिकृतियां बनाई जा रही हैं। टीटीडी ट्रस्ट गुजरात के गांधीनगर, छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिहार में भी मंदिर बनाने पर विचार कर रहा है। बिहार में अभी मंदिर निर्माण की स्थिति नीतीश कुमार सरकार के साथ चर्चा के प्रारंभिक चरण में है।
टीटीडी ट्रस्ट की स्थापना 1933 में हुई थी। तब यह ट्रस्ट कुछ ही मंदिरों का प्रबंधन देखता था, जिसमें तिरुमाला में प्रतिष्ठित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, तिरुचनूर में श्री पद्मावती अम्मावरी मंदिर और तिरुपति में श्री गोविंदराज स्वामी मंदिर शामिल थे। बाद में इस ट्रस्ट ने अपनी स्थापना के नौ दशकों में पूरे भारत में भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित 58 मंदिरों की स्थापना की। हालाँकि, इनमें से अधिकांश दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में ही स्थित हैं। अब ट्रस्ट ने उत्तर और पूर्व भारत समेत देशभर में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की स्थापना का निर्णय लिया है। ट्रस्ट ने दक्षिण भारत से बाहर निकलकर 1969 में उत्तराखंड के ऋषिकेश में बालाजी मंदिर की स्थापना की। ट्रस्ट ने 2019 में कन्याकुमारी में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की स्थापना करके भारत के सबसे दक्षिणी सिरे पर अपने पदचिह्न स्थापित किए हैं। हाल ही में, 8 जून को जम्मू में भगवान वेंकटेश्वर बालाजी के मंदिर का शुभारंभ हुआ है।
ट्रस्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र में भी भगवान बालाजी मंदिर की प्रतिकृति की नींव रखी है। इसके लिए राज्य सरकार ने नवी मुंबई में लगभग 600 करोड़ रुपये की 10 एकड़ प्रमुख भूमि मंदिर ट्रस्ट को आवंटित की है। वहां टीटीडी मंदिर निर्माण पर 70 करोड़ रुपये खर्च करेगा। टीटीडी के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने टीओआई को बताया कि 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिरों का निर्माण भगवान को भक्तों के द्वार तक ले जाने का एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि आंध्र के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी के निर्देशों के बाद, टीटीडी दक्षिण भारतीय राज्यों के दूरदराज और पिछड़े गांवों में छोटे मंदिरों का भी निर्माण करेगा।