ढाका, 12 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा और आगजनी की घटना सामने आ रही है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, अवामी लीग और जमात-ए-इस्लामी ने गाजीपुर-6 संसदीय सीट को लेकर यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार आशुलिया पुलिस स्टेशन के नरसिंहपुर क्षेत्र, गाजीपुर, श्रीपुर उपजिला, और सूत्रापुर में अलग-अलग घटनाओं में पब्लिक बसों और प्राइवेट गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
इन सबके बीच बुधवार सुबह बीएनपी और अन्य समर्थकों ने गाजीपुर-6 संसदीय सीट की बहाली की मांग को लेकर टोंगी कॉलेज गेट इलाके में व्यस्त ढाका-मयमनसिंह राजमार्ग को लगभग डेढ़ घंटे तक जाम रखा।
गाजीपुर-6 संसदीय सीट की बहाली को लेकर कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए, स्थानीय बीएनपी नेताओं ने कहा कि इस सीट को रद्द करने का अदालत का फैसला लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करता है। वहीं, नाकाबंदी के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग पर टायर जलाए। इसकी वजह से आम जनता को आवाजाही में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
दूसरी ओर जमात समर्थकों और स्थानीय लोगों ने इसी मांग को लेकर एशिया पंप के सामने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने एक बैनर भी रखा था, जिस पर लिखा था, “गाजीपुर-6 सीट बहाल करो, नागरिकों को उचित सेवा प्रदान करो।”
विरोध प्रदर्शन से इतर अवामी लीग ने ढाका में गुरुवार को लॉकडाउन का ऐलान किया है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जात अली ने शहर के लोगों से अवामी लीग के 13 नवंबर को घोषित ‘लॉकडाउन’ को लेकर नहीं घबराने की अपील की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ढाका में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी में जमात सबसे प्रमुख है, जिसने शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के दौरान यूनुस का समर्थन किया था। हालांकि, अब तस्वीरें बदलती नजर आ रही हैं। जमात ने यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जमात के सात अन्य राजनीतिक दलों के साथ ढाका में रैली निकालने के ऐलान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
जमात की मांग है कि तख्तापलट के बाद राष्ट्रीय चार्टर जो तैयार किए गए थे, उसे कानूनी मान्यता दी जाए। जमात की मांग है कि ये काम चुनाव से पहले हो।
जमात प्रमुख शफीकुर रहमान ने यूनुस को चेतावनी भी दी है कि अगर राष्ट्रीय सहमति आयोग द्वारा तैयार जुलाई चार्टर को कानूनी रूप नहीं दिया जाता है, तो चुनाव नहीं कराया जा सकता है।

