बारिश के मौसम में वरदान है ‘तांबे’ के बर्तन में रखा पीना

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नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। मानसून ने दस्तक दे दी है। देश के कुछ हिस्सों में झमाझम तो कहीं हल्की बारिश देखने को मिल रही है। हालांकि, बारिश का मौसम आते ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने का खतरा रहता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, इस मौसम में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। ताम्र जल न केवल शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव करता है। यह अमृत के समान है।

मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक डॉ. काशीनाथ सामगंडी बताते हैं, “ताम्र जल प्राकृतिक रूप से शुद्ध होता है और ये हमें हानिकारक सूक्ष्मजीवों से बचाता है।”

आयुष मंत्रालय के अनुसार, बारिश के मौसम में जल प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे संक्रमण का डर रहता है। ऐसे में ताम्र जल एक सुरक्षित और आयुर्वेदिक उपाय है। तांबे में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं और पानी को शुद्ध बनाते हैं।

तांबे के बर्तन का पानी शुद्ध होता है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन) को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर स्वस्थ और मन तरोताजा रहता है। तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। यह भोजन को बेहतर ढंग से पचाने में सहायता करता है और पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, वात और अपच से राहत दिलाता है। इसके अलावा, यह पानी किडनी की सेहत के लिए भी लाभकारी है। यह किडनी स्टोन के खतरे को कम करता है और किडनी को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है।

तांबे का पानी इम्यून सिस्टम को भी मजबूती देता है, जो बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव में सहायक है। इसके अतिरिक्त, तांबे के पानी का नियमित सेवन त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। यह त्वचा को निखारता है और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।

आयुर्वेद में भी तांबे के बर्तन में पानी पीने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का पानी शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है, जिससे स्वास्थ्य बेहतर होता है। तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखकर सुबह खाली पेट पीना सबसे अच्छा होता है। हालांकि, बर्तन की नियमित सफाई जरूरी है ताकि उसमें जंग न लगे। इस सरल उपाय से बरसात के मौसम में भी स्वस्थ और एनर्जी से भरपूर रहा जा सकता है।