नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता तुहिन सिन्हा ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) के तहत करीब दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि यह घोटाला विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के विकास के नाम पर जनता के धन की लूट का उदाहरण है।
तुहिन सिन्हा ने कहा कि इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने सबसे पहले 8 सितंबर को रांची में प्रेसवार्ता कर खुलासा किया था, जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। 13 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगले चार हफ्तों में इस घोटाले पर विस्तृत जवाब पेश करे।
भाजपा नेता ने बताया कि डीएमएफ फंड की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2015 में की थी, ताकि खनन प्रभावित जिलों के विकास के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था बन सके। इस कानून के तहत खनन कंपनियों से रॉयल्टी का 10 से 30 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित क्षेत्रों के उत्थान पर खर्च किया जाना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड जैसे खनन प्रधान राज्य, जो देश के कुल खनिज उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत योगदान देता है, वहां इस फंड में भारी अनियमितताएं हुई हैं। उदाहरण देते हुए सिन्हा ने कहा कि बोकारो जिले में लगभग 500 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं है, और बच्चों की किताबें कई गुना अधिक कीमतों पर खरीदी गईं। उन्होंने कहा कि पीएजी ऑडिट रिपोर्ट के जरिए इन गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है।
भाजपा नेता ने सत्तारूढ़ गठबंधन जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि तीनों पार्टियां ‘इंडिया गठबंधन’ की सदस्य हैं और बिहार विधानसभा चुनाव में भी एक साथ मैदान में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह फंड ‘राष्ट्रीय स्तर की फंडिंग जुटाने’ या ‘राहुल गांधी की विदेश यात्राओं’ में खर्च किया गया।
सिन्हा ने कहा कि हाईकोर्ट के ऑब्जर्वेशन के मुताबिक 80 प्रतिशत खर्च का बिल मौजूद है, लेकिन वास्तविक खरीदारी नहीं की गई। इसका सीधा अर्थ है कि बड़ी राशि का दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने कहा, ‘हमारी मांग है कि इस पूरे मामले में सीबीआई जांच कराई जाए। हेमंत सोरेन पहले ही भूमि घोटाले में चार महीने जेल में रह चुके हैं, और यह डीएमएफ घोटाला शायद अब तक का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा।
आर्थिक मोर्चे पर बोलते हुए तुहिन सिन्हा ने कहा कि आईएमएफ ने हाल ही में भारत की जीडीपी अनुमानित वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.66 प्रतिशत कर दी है। उन्होंने कहा, “पिछले तीन हफ्तों में देश ने सबसे बड़ा जीएसटी रिफॉर्म देखा है, जिसे जनता ने ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में मनाया। इससे यह साबित होता है कि भारत की आंतरिक बाजार शक्ति इतनी मजबूत है कि वह किसी भी वैश्विक चुनौती का सामना कर सकती है।