नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध एक जटिल ऐतिहासिक जुड़ाव से एक गतिशील और दूरदर्शी साझेदारी में विकसित हुए हैं और पिछला एक वर्ष दोनों देशों के ‘आधुनिक संबंधों’ के लिए एक ‘असाधारण वर्ष’ रहा है। भारत स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने नई दिल्ली में किंग चार्ल्स के जन्मदिन समारोह का आयोजन किया। यह भव्य कार्यक्रम ब्रिटेन-भारत संबंधों के एक ऐतिहासिक वर्ष के बाद आयोजित किया गया है।
इसमें एक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए), 2035 के लिए साझा दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की एक-दूसरे के देशों की पारस्परिक यात्राएं शामिल हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रिटेन के राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंध एक जटिल ऐतिहासिक जुड़ाव से एक गतिशील और दूरदर्शी साझेदारी में विकसित हुए हैं। पिछला वर्ष वास्तव में हमारे आधुनिक संबंधों के लिए एक असाधारण वर्ष रहा है। इस महीने की शुरुआत में हमने मुंबई में प्रधानमंत्री कीर स्टारमर का स्वागत किया, उनके साथ ब्रिटेन का अब तक का सबसे बड़ा व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी आया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन महीने पहले ब्रिटेन का दौरा किया था और मुझे उस समय उनके साथ यात्रा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस दौरान ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उस यात्रा के दौरान, हमने विजन 2035 भी अपनाया था। जो हमारे संबंधों को पांच स्तंभों विकास, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा तथा शिक्षा पर निर्देशित करेगा। हमने पहली बार एक रक्षा औद्योगिक रोडमैप भी अपनाया।
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और ब्रिटेन ने कई क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने न केवल प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल के तहत सहयोग का विस्तार किया है, बल्कि कनेक्टिविटी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और महत्वपूर्ण खनिजों के संबंध में इसे और गहरा भी किया है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के नौ प्रमुख विश्वविद्यालयों को भारत में अपने परिसर स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने गुरुग्राम में अपने परिसर का उद्घाटन पहले ही कर दिया है। आज का दिन यूनाइटेड किंगडम में 19 लाख प्रवासी भारतीयों के अमूल्य योगदान को मान्यता देने का भी अवसर है। वे वास्तव में एक ‘जीवित सेतु’ हैं और उन्होंने हमारे बीच एक विशेष बंधन बनाने में मदद की है।
उन्होंने कहा कि स्थिरता और पर्यावरण के प्रति किंग चार्ल्स की प्रतिबद्धता प्रधानमंत्री मोदी के मिशन लाइफ के दृष्टिकोण से गहराई से मेल खाती है। विदेश मंत्री ने याद दिलाया कि जुलाई में सैंड्रिंघम कैसल की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने किंग चार्ल्स को एक पौधा भेंट किया था। किंग चार्ल्स ने भी ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत प्रधानमंत्री मोदी को उनके जन्मदिन पर एक पौधा भेंट किया था। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा भाव है जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए ग्रह की रक्षा के लिए सर्वोच्च स्तर पर दो देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच मित्रता और भी प्रगाढ़ होती रहे।






