भारत का पहला अत्यधिक गरीबी मुक्त राज्य बनेगा केरल, सीएम विजयन ने संयुक्त प्रयास को दिया श्रेय

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तिरुवनंतपुरम, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्वतंत्र भारत के 77 वर्षों के इतिहास में पहली बार कोई राज्य अत्यधिक गरीबी को पूरी तरह समाप्त करने की दहलीज पर है। केरल सरकार ने घोषणा की है कि 1 नवंबर को राज्य के गठन दिवस पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन आधिकारिक रूप से केरल को ‘अत्यधिक गरीबी मुक्त’ घोषित करेंगे।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 को केरल पिरवी (केरल स्थापना दिवस) के अवसर पर केरल को भारत का पहला ‘अत्यधिक गरीबी मुक्त’ राज्य घोषित किया जाएगा। यह उपलब्धि 2021 में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘एक्सट्रीम पॉवर्टी एराडिकेशन प्रोजेक्ट’ (ईपीईपी) का परिणाम है, जो नवकेरल मिशन का हिस्सा है।

मुख्यमंत्री विजयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह सामाजिक न्याय और करुणामयी शासन का केरल मॉडल है, जो किसी को पीछे नहीं छोड़ता।”

इस परियोजना के तहत, सरकार ने एक समान नीति के बजाय व्यक्तिगत जरूरतों पर ध्यान दिया। बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के आधार पर 64,006 अत्यंत गरीब परिवारों की पहचान की गई और उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए सूक्ष्म योजनाएं बनाई गईं। 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ, सरकार ने पांच प्रमुख क्षेत्रों, भोजन, स्वास्थ्य, आवास, सम्मान और आय, में क्रांतिकारी कदम उठाए।

भोजन सुरक्षा के लिए, 20,648 परिवारों को दैनिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिनमें 2,210 को गर्म भोजन मिल रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में, 85,721 व्यक्तियों को आवश्यक उपचार और दवाएं दी गईं, जिससे कुपोषण और बीमारियों में कमी आई।

आवास के मोर्चे पर, 5,400 से अधिक नए घर बनाए गए या निर्माणाधीन हैं, 5,522 घरों की मरम्मत हुई, और 2,713 भूमिहीन परिवारों को जमीन आवंटित की गई। सम्मान और पहचान के लिए, 21,263 लोगों को राशन कार्ड, आधार और पेंशन जैसे दस्तावेज प्रदान किए गए। आय सृजन के लिए, 4,394 परिवारों को आजीविका परियोजनाओं से जोड़ा गया, जिसमें सूक्ष्म वित्त और कृषि-आधारित उद्यम शामिल हैं।