नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सीजेआई) बी.आर. गवई अपनी आधिकारिक यात्रा पर भूटान में हैं। यहां उन्होंने शनिवार को भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की। एक दिन पहले उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे से भेंट की थी।
सीजेआई कार्यालय के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश गवई ने इन उच्चस्तरीय बैठकों के दौरान भारत और भूटान की न्यायपालिकाओं के बीच सहयोग को और सुदृढ़ करने पर चर्चा की और दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण और ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्य न्यायाधीश ने भूटानी न्यायपालिका को प्रौद्योगिकी एकीकरण, क्षमता निर्माण और ज्ञान-साझाकरण के क्षेत्रों में हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत की न्यायपालिका न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने में डिजिटल परिवर्तन के अनुभवों को भूटान के साथ साझा करने को तत्पर है।
न्यायमूर्ति गवई ने अपनी यात्रा के दौरान जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ लॉ के छात्रों और संकाय सदस्यों से भी संवाद किया। इस अवसर पर महारानी राजकुमारी सोनम देचेन वांगचुक और भूटान के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नोरबू शेरिंग भी उपस्थित थे।
गवई ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कानूनी शिक्षा का उद्देश्य केवल विधिक ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि करुणा, नैतिकता और न्याय के मूल्यों को आत्मसात करना भी है। उन्होंने भविष्य के न्यायविदों से आग्रह किया कि वे समाज के प्रति संवेदनशील और न्याय के आदर्शों के प्रति समर्पित रहें।
मुख्य न्यायाधीश गवई ने भारत-भूटान के न्यायिक संबंधों को और सुदृढ़ करते हुए घोषणा की कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विधि क्लर्क के दो पद प्रत्येक वर्ष भूटान के विधि स्नातकों को प्रदान किए जाएंगे। यह कदम दोनों देशों की न्यायपालिकाओं के बीच शैक्षणिक साझेदारी और पेशेवर सहयोग को बढ़ावा देने की एक सतत पहल का हिस्सा है।
भारत और भूटान के बीच दशकों पुराने विश्वास, साझेदारी और आपसी सम्मान पर आधारित संबंधों को रेखांकित करते हुए मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि न्यायिक सहयोग दोनों देशों के लोकतांत्रिक और संस्थागत संबंधों को नई दिशा देगा।













