भारतीय महिला टीम की जीत पर प्रवीण खंडेलवाल ने दी बधाई, बोले- देश की बेटियों ने फिर बढ़ाया भारत का मान

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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। महिला वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने टीम को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भारत की बेटियों ने एक बार फिर देश को गर्व महसूस कराया है और खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल की हैं।

सांसद खंडेलवाल ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, “भारत की बेटियों ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। मैं इस अद्भुत उपलब्धि के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम को दिल से बधाई देता हूं। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली है, ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहल के जरिए एथलीट को प्रोत्साहन मिला है, जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है। खेल के क्षेत्र में भारत का भविष्य उज्ज्वल है और आने वाले समय में देश की बेटियां विश्व पटल पर और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगी।”

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों को लेकर बुनियादी ढांचे से लेकर खिलाड़ियों के प्रशिक्षण तक में व्यापक सुधार हुआ है। आज भारतीय खिलाड़ी केवल क्रिकेट ही नहीं, बल्कि हर खेल में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, और इसमें महिला खिलाड़ियों की भूमिका बेहद प्रेरणादायक है।

प्रवीण खंडेलवाल ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के बाद रियासतों को एकजुट कर भारत को अखंड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुर्भाग्यवश, उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे। इसका कारण यह है कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार का गुणगान किया और अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भुला दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में ऐसे सभी भूले-बिसरे महानायकों को सम्मान और पहचान दिलाई जा रही है। उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार की ही देन है कि आज सरदार पटेल जैसे राष्ट्रनिर्माताओं को वह आदर और गौरव प्राप्त हो रहा है, जिसके वे सच्चे हकदार थे।”

सांसद खंडेलवाल ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को किस स्तर की सुरक्षा दी जानी चाहिए, इसका निर्णय राज्य सरकार करती है। यह पूरी तरह प्रशासनिक प्रक्रिया है और इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।