एक थी साधना : भारतीय सिनेमा की वो अदाकारा, जिसने किरदार और स्टाइल दोनों से किया दिलों पर राज

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नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। पचास और साठ के दशक में हिंदी सिनेमा की चमकती दुनिया में एक ऐसी अदाकारा थीं, जिनकी मासूम मुस्कान, बड़ी-बड़ी आंखें और शानदार अदाकारी पर लाखों दिल फिदा थे। उनका अंदाज इतना अलग और आकर्षक था कि वह ट्रेंड बन जाता था, फिर चाहे उनकी हेयरस्टाइल हो या कपड़े।

कहा जाता है कि उन्होंने जिस भी किरदार को निभाया, उसमें खुद को पूरी तरह ढाल लिया, चाहे वह प्रेम में डूबी युवती हो या भावनाओं से जूझती नायिका।

हम किसी और की नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की सुपरस्टार साधना शिवदासानी की बात कर रहे हैं, जिनका खूबसूरत चेहरा, कातिल अदाएं और शानदार अदाकारी आज भी लोगों की यादों में जिंदा है। 25 दिसंबर 2015 को भले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन आज भी भारतीय सिनेमा के शानदार सफर में उनका जिक्र मिलता है। आज भी कई हसीनाएं उन्हें अपना आदर्श मानती हैं।

साधना को अपने बालों से काफी प्यार था और इसी वजह से एक बार उन्हें राज कपूर से डांट भी सुननी पड़ी थी, लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा था कि जिस लड़की को राज कपूर ने सेट पर बाल संवारने के लिए डांट दिया था, वही लड़की आगे चलकर पूरे देश का फैशन ट्रेंड तय करेगी। ‘श्री 420’ के सेट पर साधना हर टेक से पहले अपने बाल ठीक करने लगती थीं और इसी वजह से शॉट बिगड़ते थे। राज कपूर नाराज हो गए, बहस तक हो गई। लेकिन, वक्त बदला। ‘लव इन शिमला’ में उनकी फ्रिंज हेयरस्टाइल ऐसी छा गई कि लड़कियां ‘साधना कट’ करवाने लगीं। डांट से शुरू हुआ यह किस्सा फैशन इतिहास बन गया।

इसके बाद सालों तक वह किसी फिल्म में नजर नहीं आई। हालात ऐसे थे कि साधना को टाइपिस्ट की नौकरी करनी पड़ी, आधा दिन काम, आधा दिन कॉलेज। फिर, किस्मत ने करवट ली। एक पुरानी फोटो स्क्रीन मैगजीन में छपी और शशधर मुखर्जी की नजर उस पर टिक गई। ‘लव इन शिमला मिली’ और रिलीज के साथ ही साधना रातोंरात स्टार बन गईं।

‘लव इन शिमला’ के सेट पर साधना को अपने डायरेक्टर आर.के. नय्यर से प्यार हो गया। उम्र सिर्फ 19 साल, करियर नया-नया और परिवार प्यार के सख्त खिलाफ, लेकिन साधना पीछे नहीं हटीं। उन्होंने अपने दिल की सुनी और 1966 में आर.के. नय्यर से शादी कर ली। यह उस दौर में आसान फैसला नहीं था, खासकर एक उभरती हीरोइन के लिए। शादी के बाद भी वे फिल्मों में काम करती रहीं।

50–60 के दशक में शादी का मतलब होता था करियर का अंत, लेकिन साधना ने इस सोच को तोड़ दिया। शादी के बाद भी उन्होंने ‘आप आए बहार आई,’ ‘अनीता और ‘एक फूल दो माली’ जैसी हिट फिल्में दीं। इतना ही नहीं, उन्होंने फैशन में भी क्रांति कर दी। ढीले सलवार-कुर्तों के दौर में उन्होंने टाइट चूड़ीदार-कुर्ते पहनकर नया ट्रेंड शुरू किया। डिजाइनर भानु अथैया के साथ मिलकर बनाए कपड़े 70 के दशक तक कॉपी होते रहे।

शोहरत की ऊंचाइयों पर पहुंचने के बावजूद उनका निजी जीवन आसान नहीं रहा। पहले जिस साधना को लोग देखने के लिए सिनेमाघरों में लाइन लगाते थे, वही साधना आखिरी सालों में अकेली पड़ गईं। पति की मौत के बाद बीमारी ने घेर लिया। एक आंख खराब हो गई और उन्होंने घर से निकलना बंद कर दिया। ऊपर से जिस घर में रहीं, उसे बचाने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़े। न संतान, न कोई साथ देने वाला। बीमारी बढ़ी, कैंसर हुआ और आखिरकार 2015 में उनका निधन हो गया।