बाइडेन ने यूक्रेन को कल्स्टर बम देने के फैसले का किया बचाव, अमेरिकी फैसला निंदनीय : रूस

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वाशिंगटन
 अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को कलस्टर बमों की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले का यह कहते हुए बचाव किया है कि यह बेहद मुश्किल फैसला था, लेकिन यूक्रेन के पास लगातार हथियारों की कमी को देखते हुए यह मुश्किल फैसला लेना पड़ा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्थानीय मीडिया को दिये साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन को कल्स्टर बमों की आपूर्ति किये जाने के फैसले पर मुहर लगाने में काफी समय लगा, लेकिन युद्ध में यूक्रेन के पास गोला बारूद कम होता जा रहा था। इसी कारण से यह बेहद मुश्किल फैसला किया गया है और इससे पहले उन्होंने सहयागी देशों से भी बात की है। उन्होंने कहा कि नाटो का शिखर सम्मेलन लिथुआनिया में अगले सप्ताह होने जा रहा है।

यूक्रेन के नेताओं ने इसे समय पर उठाया गया बड़ा कदम बताते हुए इसकी सराहना की, लेकिन मानवाधिकार समूहों और कुछ डेमोक्रेट्स ने इस फैसले की आलोचना की है। रूस ने भी अमेरिका के इस फैसले की आलोचना की है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने  दैनिक व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में कहा कि अधिकारी मानते हैं कि क्लस्टर हथियार बिना विस्फोट वाले बमों से नागरिक क्षति होने का खतरा पैदा करते हैं।

उन्होंने कहा “यही कारण है कि हमने निर्णय को यथासंभव लंबे समय के लिए टाल दिया था, लेकिन अब यूक्रेन में हथियार और तोपें ख़त्म हो रहे हैं और उसे आपूर्ति के एक पुल की ज़रूरत है, जबकि अमेरिका घरेलू उत्पादन बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि हम युद्ध के दौरान किसी भी समय यूक्रेन को असहाय नहीं छोड़ेंगे।”

विस्फोट की अनियंत्रित प्रकृति ने इस युद्ध सामग्री को लेकर विवाद पैदा किया है। कलस्टर बम लंबे समय तक बिना विस्फोट के जमीन पर पड़े रह सकते हैं और फिर अचानक से ही फट भी सकते हैं और इसी कारण यह लोगों के लिए खतरनाक हो गये हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन की मदद को जो बम भेज रहा है वह बम उन बमों की तुलना में फिर भी बहुत हद तक सुरक्षित हैं जिनका इस्तेमाल रूस पहले से ही कर रहा है।

दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की ओर से मार्टा हर्टाडो ने कल कहा, “इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल तुरंत बंद होना चाहिए और किसी भी स्थान पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”

यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने इस फैसले को बहुप्रतीक्षित बताते हुए सही समय पर सैन्य सहायता मुहैया कराने के लिए अमेरिका को धन्यवाद दिया है।

खारकीव में क्लस्टर युद्ध सामग्री के व्यापक उपयोग के साक्ष्य रहे मानवाधिकार समूहों ने अमेरिका के इस निर्णय की आलोचना की, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि क्लस्टर युद्ध सामग्री संघर्ष समाप्त होने के लंबे समय बाद भी नागरिक जीवन के लिए एक गंभीर खतरा है।

यूक्रेन को क्लस्टर हथियार भेजने के निर्णय पर कैपिटल हिल पर अमेरिकी सांसदों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है, कुछ डेमोक्रेट ने निर्णय को खतरनाक और एक भयानक गलती करार दिया है।

 

यूक्रेन को क्लस्टर युद्ध सामग्री की आपूर्ति करने का अमेरिकी फैसला निंदनीय : रूस

रूस ने यूक्रेन को क्लस्टर हथियारों की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे नरसंहार और विश्व शांति के लिए खतरा होगा।

रूस की समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने  दी खबर में अंतरराष्ट्रीय मामलों पर ड्यूमा स्टेट समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की के हवाले से बताया है कि अमेरिका का फैसला नरसंहार बढ़ाने वाला है और उसे अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर भविष्य में न्यायोचित होने का सामना करना पड़ेगा।

स्लटस्की ने कहा, “रूस इसका माकूल जवाब देगा और हमारी सैन्य इकाइयों को दुश्मन द्वारा क्लस्टर हथियारों के संभावित उपयोग के बारे में सूचित किया गया है।”

अमेरिका ने यूक्रेन क्लस्टर युद्ध सामग्री को स्थानांतरित करने के निर्णय की घोषणा की, जिसे 123 देशों की मंजूरी पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था।

एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में वर्ष 2010 में क्लस्टर युद्ध सामग्री के उपयोग, उत्पादन, स्थानांतरण और भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि अमेरिका और यूक्रेन इस सम्मेलन के हस्ताक्षरकर्ता नहीं हैं।

अमेरिका यूक्रेन को जो क्लस्टर युद्ध सामग्री भेजेगा, उसे 155 मिमी हॉवित्ज़र तोपों से दागा जाएगा, प्रत्येक कनस्तर में 88 बम होंगे। सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक बम की घातक सीमा करीब 10 वर्ग मीटर है, इस तरह एक एकल कनस्तर 30 हजार वर्ग मीटर तक के क्षेत्र को कवर कर सकता है।

यह बम लंबे समय तक लैंडमाइंस की तरह बिना विस्फोट के पड़े रह सकते हैं और जब कोई इनके संपर्क में आयेगा तो इनमें विस्फोट हो सकता है। वाशिंगटन में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने कहा, “अब अमेरिका की वजह से कई वर्षों निर्दोष लोगों के विस्फोटकों का शिकार बनने का खतरा बना रहेगा।”