भोपाल
राजधानी में डेंगू के संक्रमण में रफ्तार बढ गई है। सितंबर में डेंगू के 170 नए मरीज मिले थे। अक्टूबर के 29 दिन में ही 272 नए डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जो बीते माह मिले मरीजों की संख्या से 102 ज्यादा हैं।
राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या 580 के आसपास पहुंच गई है। भोपाल में डेंगू के बढते संक्र मण की यह स्थिति तब है जबकि बीते 3 महीने से जिला मलेरिया अधिकारी दफ्तर के हेल्थ वर्कर और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगातार लार्वा और फीवर सर्वे कर रहे हैं। इसके चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों ने डेंगू फैलाने वाले मच्छर के लार्वा को खत्म करने के लिए उपयोग किए जा रहे लार्वीसाइट की प्रभावशीलता पर सवाल उठने लगे हैं। जिला मलेरिया कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में रोजाना औसतन 9 नए डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं। सितंबर में रोजाना मिल रहे औसतन मरीजों की संख्या 5 थी। लार्वा सर्वे, फीवर सर्वे और रेगुलर फॉगिंग के बाद भी शहर में डेंगू के बढते संक्र मण ने स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढा दी है।
इसी वजह से जिला मलेरिया कार्यालय दफ्तर से संबद्ध कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई है। ताकि डेंगू के हॉट स्पॉट एरिया में फीवर सर्वे, लार्वा सर्वे और फॉगिंग बढाकर बीमारी के बढ़ते संक्र मण को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
डेंगू पॉजीटिव केस का फलोअप जारी
10 डेंगू के मामले सामने आए हैं। कोलार क्षेत्र स्थित वार्ड नंबर 80 जोन 18 में लार्वा सर्वे पखवाड़े के दौरान मलेरिया टीम और नगर निगम टीम ने डेंगू पॉजीटिव केस का फॉलोअप भी किया। साथ ही लोगों को बचाव व लार्वा खत्म करने के लिए जन जागरूकता कर पंपलेट्स बांटे। बता दें, शहर में इस साल अब तक लगभग 580 डेंगू केस सामने आ चुके हैं।
तीन घरों में बार-बार लार्वा मिलने पर लगाया फाइन
मलेरिया विभाग व निगम अमले ने कोलार क्षेत्र के तीन घरों में लार्वा पाया गया। जिसके बाद उनपर स्पॉट फाइन लगाया गया। इसमें एक घर ऐसा भी था जहां बार बार लार्वा मिलने के कारण 1000 रुपए का फाइन किया गया।
निगम ने डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में की फागिंग
डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में फागिंग भी की गई। जहां साफ पानी भरे मिले, वहां केमिकल डाला गया। लोगों को कूलर का पानी खाली करने कहा गया। साथ ही प्लास्टिक के डिब्बे, नारियल खटोली में भरे पानी को फेंकने की समझाइश दी गई।