बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस ने 15 साल बाद की थी हिसुआ में वापसी, इस बार भाजपा से मिलेगी कड़ी टक्कर

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पटना, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के नवादा जिले की हिसुआ विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। कांग्रेस के सामने अपने इस मजबूत गढ़ को बचाने की चुनौती है, जबकि भाजपा यहां वापसी की पूरी कोशिश में है।

2008 में परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से 236वें स्थान पर है। हिसुआ विधानसभा नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में से एक है।

तिलैया नदी के दाहिने किनारे पर गया-नवादा मार्ग पर स्थित हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर आबादी कृषि पर निर्भर है। क्षेत्र में कुछ छोटे उद्योग हैं, जो काफी लोगों के लिए रोजी रोटी का एक जरिया हैं।

धार्मिक आधार पर भी हिसुआ विधानसभा क्षेत्र समृद्ध है। हिसुआ प्रखंड मुख्यालय से कुछ दूरी पर मदनेश्वर महादेव मंदिर है, जो हजारों लोगों की आस्था से जुड़ा है। नवादा के हिसुआ में वाट थाई मंदिर में गौतम बुद्ध की 108 फीट ऊंची प्रतिमा यहां की शोभा बढ़ाती है। हिसु में जय ज्वालानाथ मंदिर भी स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। खासकर यहां सावन के महीने में भक्तों का तांता लगता है।

राजनीतिक दृष्टिकोण से हिसुआ को समझा जाए तो यहां 63 साल के इतिहास में जनता ने सिर्फ छह नेताओं को अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा भेजा है, जबकि सिर्फ तीन राजनीतिक पार्टियों को यहां मौका दिया है। इस सीट से सबसे अधिक बार आदित्य सिंह ने जीत हासिल की। आदित्य सिंह यहां तीन चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े, जबकि तीन चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़े और जीत हासिल की।

1957 से एक अलग विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित हिसुआ को कांग्रेस का गढ़ कहा जा सकता है, क्योंकि यहां पार्टी ने सबसे अधिक 9 बार जीत हासिल की।

भाजपा ने यहां से लगातार तीन चुनाव (2005, 2010, 2015) जीते हैं। इसके अलावा, तीन चुनावों (1980, 1985, 2000) में निर्दलीय प्रत्याशी को विजय प्राप्त हुई। यहां से तीसरी पार्टी के रूप में 1977 में जनता पार्टी को जीत मिली थी।

पिछले विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस ने लगभग 15 साल बाद वापसी की। 2020 के चुनाव में नीतू कुमारी ने कांग्रेस को जीत दिलाई।

इस बार हिसुआ विधानसभा सीट से 14 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस ने दोबारा नीतू कुमारी पर विश्वास जताया है, जबकि भाजपा ने तीन बार के विधायक अनिल सिंह पर फिर से भरोसा करते हुए टिकट दिया है।