पटना, 28 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार की सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रही कांग्रेस अब बैसाखी के सहारे चुनावी मैदान में है। 1990 के दशक तक बिहार में कांग्रेस का बोलबाला रहा, लेकिन आज की परिस्थितियां बिल्कुल उलट हैं। हालातों से भली भांति परिचित राहुल गांधी इसी कोशिश में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं, ताकि पार्टी को फिर मजबूत स्थिति में खड़ा किया जा सके।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ एसआईआर से ज्यादा बिहार के चुनाव को साधने की कोशिश है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा। सवाल इसलिए कि लोकसभा चुनाव के हालिया नतीजे को भूला नहीं जा सकता है, तब राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 के समय ‘भारत जोड़ो यात्रा’ लेकर बिहार से गुजरे थे, लेकिन बावजूद इसके नतीजे बिहार में अनके मनमुताबिक नहीं रहे।
इसके पहले का चुनावी ट्रेंड भी यही गवाही देता है, जिसे न कांग्रेस झुठला सकती है और न राहुल गांधी। चुनाव नतीजे ही साबित कर देते हैं कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मैजिक बिहार में नहीं चला। रैलियों में जिस कदर भीड़ आई और लोग भी जुटे, लेकिन शायद यह कांग्रेस की नाकामी रही कि भीड़ को वोटों में तब्दील नहीं कर सकी।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन लोकसभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में बिहार में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 10 तक नहीं पहुंचा।
अगर पिछले तीन विधानसभा चुनावों के नतीजों और वोट प्रतिशत पर भी गौर करें तो कांग्रेस बिहार में सिर्फ संघर्ष करती नजर आ रही है। 2010 के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 4 सीटों पर सिमट गई थी और वोट प्रतिशत 8.37 प्रतिशत रहा। 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर दांव खेला था, जिनमें से 27 सीटों पर उनके उम्मीदवारों को सफलता मिली, लेकिन वोट प्रतिशत घटकर 6.66 प्रतिशत हो गया। 2020 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 9.48 प्रतिशत हो गया, लेकिन पार्टी ने 70 में से 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई।
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 10 से कम रहा है। 2010, 2015 और 2020 में पार्टी का स्टाइक रेट क्रमश: 1.65%, 65.85%, 27.14% रहा।
अगर पिछले तीन लोकसभा चुनावों की बात करें तो बिहार में कांग्रेस कोई कमाल नहीं कर पाई। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार में 2 सीटों पर जीत मिली और वोट प्रतिशत 8.6 रहा। 2019 में कांग्रेस 1 सीट पर ही सिमट गई थी और वोट प्रतिशत घटकर 7.9 प्रतिशत रह गया था। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद भी बिहार में कांग्रेस का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य में पार्टी को 3 सीटों पर ही जीत मिली और वोट प्रतिशत 9.4 रहा।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर राज्य के नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को जरूर मिल रहा है और भीड़ भी जुट रही है, लेकिन उनकी इस यात्रा का बिहार विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? ये चुनावी नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।