बिहार में 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली गरीबों के लिए ऐतिहासिक कदम : विजय कुमार सिन्हा

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पटना, 17 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए 1 अगस्त से हर महीने 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है। सीएम के इस ऐलान पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार के 2 करोड़ 16 लाख उपभोक्ताओं में से 90 प्रतिशत लोगों के लिए सरकार ने बिजली मुफ्त की व्यवस्था कर दी है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने इसे गरीब और कमजोर वर्ग के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।

उन्होंने कहा, “बिहार में 1 करोड़ 86 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 1 करोड़ 67 लाख को पूरी तरह मुफ्त बिजली मिलेगी, जबकि शेष 20 लाख उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा। इसके बाद की खपत पर शुल्क देना होगा।”

बता दें कि बिहार में 1 करोड़ 67 लाख ऐसे लोग हैं, जो महीने में 125 यूनिट के अंदर बिजली खपत करते हैं।

वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे बड़ा तोहफा करार दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने गरीब, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इस योजना से न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को, बल्कि मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे जैसे धार्मिक स्थानों को भी मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा।

आरजेडी पर तंज कसते हुए नीरज कुमार ने कहा कि झारखंड में बिजली की स्थिति खराब है, जबकि बिहार में नीतीश सरकार ने हर घर तक बिजली पहुंचाई। उन्होंने राजद नेता राबड़ी देवी के परिवार पर सब्सिडी लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग भी सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं, जो गरीबों के हक पर सवाल उठाता है।

जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने भी इस फैसले को क्रांतिकारी बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में 1 करोड़ 87 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 1 करोड़ 67 लाख उपभोक्ता 125 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं, जो अब पूरी तरह मुफ्त होगी। बाकी उपभोक्ताओं को भी 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। इसके साथ ही, अगले तीन वर्षों में सभी घरों की छतों या सार्वजनिक स्थानों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे।

कुटीर ज्योति योजना के तहत 56 लाख गरीब परिवारों के लिए यह पूरी तरह मुफ्त होगा, जबकि अन्य के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

संजय झा ने आगे कहा कि नीतीश सरकार ने बिहार में बिजली की स्थिति को पूरी तरह बदल दिया। पहले पटना में 8-10 घंटे बिजली मिलती थी और गांवों में तारों पर कपड़े सुखाए जाते थे, लेकिन अब 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है।