बिहार में महागठबंधन से सीएम फेस कौन होगा, यह हालात पर करेगा निर्भर: उदित राज

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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद एनडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगा। वहीं, इंडिया गठबंधन में अभी तक सीएम फेस को लेकर असमंजस बरकरार है। गठबंधन के घटक दल किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ें, इस पर सहमति बनना बाकी है।

हालांकि, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर खुद को सीएम पद का मजबूत दावेदार बताकर प्रोजेक्ट करने की कोशिश की है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि सीएम फेस पर फैसला परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने भाजपा का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने भी दिल्ली और मध्य प्रदेश में सीएम फेस घोषित नहीं किया था। भाजपा अपना काम करे, हमें अपना काम अपनी रणनीति के साथ करना आता है। उन्होंने कहा कि राजद बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है, इसमें कोई दो राय नहीं है।

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि कई दलित अधिकारियों के साथ अत्याचार होता है।

उन्होंने कहा कि कई अधिकारियों को मजबूरन रिटायरमेंट लेना पड़ा। हरियाणा के दलित अधिकारी प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं खुद आईआरएस अधिकारी रह चुका हूं। जो भी इसके पीछे हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। एसपी रोहतक को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उदित राज ने यह भी अपील की कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर हरियाणा में सड़कों पर उतरे।

तालिबान वित्त मंत्री के भारत दौरे पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि उनका स्वागत है, लेकिन तालिबान से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। तालिबान हमें कुछ नहीं दे सकता। अगर वे आतंकवादी गतिविधियों को कम करने में मदद करें, तो अच्छी बात है।

उन्होंने कहा कि तालिबान शासन में स्थिति ठीक नहीं है, खासकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान कोई भी देश हमारे साथ खड़ा नहीं रहा।

गाजा शांति प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि गाजा शांति प्रस्ताव को दोनों पक्षों से सहमति मिल गई है। इसे कैसे देखें? वहां हमास बड़ा कारण रहा है। अगर वह राजी हुआ है तो लगता है कि शांति हो जाएगी।

ट्रंप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए नोबेल पुरस्कार कोई बड़ी बात नहीं है। उनकी महत्वाकांक्षा हो सकती है कि शांति स्थापित करने के लिए वे जाने जाएं, इसीलिए वे इसकी मांग कर रहे हैं।