नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को 28 सितंबर को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष बनाया गया था। वह बोर्ड के 37वें निर्वाचित अध्यक्ष हैं। मन्हास ने बीसीसीआई का अध्यक्ष बनते हुए एक अनोखी उपलब्धि हासिल की। मन्हास क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन उनका चयन दो पूर्व अध्यक्षों सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी के चयन से बिल्कुल अलग है।
बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने वाले मन्हास ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का कभी मौका नहीं मिला। वह बोर्ड के अध्यक्ष बनने वाले पहले अन-कैप्ड खिलाड़ी हैं। मन्हास से पूर्व बोर्ड अध्यक्ष रहे रोजर बिन्नी और सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के लिए लंबे समय तक खेले हैं। गांगुली का नाम तो भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी और सफलतम कप्तान के रूप में लिया जाता है। वह एक दशक से अधिक समय तक भारतीय टीम के लिए खेले और करीब पांच साल तक भारतीय टीम के कप्तान रहे। वहीं, रोजर बिन्नी 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे। भारत को चैंपियन बनाने में उनका गेंद और बल्ले से अहम योगदान रहा था।
12 अक्टूबर 1979 को जन्में मिथुन मन्हास मूलत: जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं और बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने से पहले वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट बोर्ड के प्रशासक थे। भारत के लिए बिना एक भी मैच खेले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष बने मन्हास के लिए नई जिम्मेदारी एक बड़ी चुनौती है।
मन्हास को बेशक भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन घरेलू क्रिकेट में वह एक बड़ा नाम रहे हैं। 45 साल के मन्हास ने दिल्ली की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेला और लंबे समय तक टीम की कप्तानी की। वह मध्यक्रम के बल्लेबाज थे और दाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज थे। पार्ट टाइम विकेटकीपर के रूप में भी वह भूमिका निभाते थे।
मन्हास ने 157 प्रथम श्रेणी मैचों में 27 शतक और 49 अर्धशतक लगाते हुए 9,714 रन बनाए। 130 लिस्ट ए मैचों में 5 शतक सहित 4,126 और 91 टी20 मैचों में 1,170 रन उन्होंने बनाए।
आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स और पुणे वॉरियर्स का हिस्सा रहे। क्रिकेट से संन्यास के बाद वह कोचिंग के क्षेत्र में सक्रिय थे और गुजरात टाइटंस कोचिंग टीम का हिस्सा थे।
बीसीसीआई दुनिया का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड है। इसके संचालन के साथ-साथ पुरुष और महिला क्रिकेट की निरंतर प्रगति के लिए मन्हास क्या नया करते हैं, इस पर क्रिकेट से जुड़े लोगों की नजर रहेगी।