भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का कर रही दुरुपयोग, धर्म-भाषा के नाम पर बांट रही समाज : उदयवीर सिंह

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लखनऊ, 4 जुलाई (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता उदयवीर ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने न सिर्फ जेपीएनआईसी परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, बल्कि केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के राजनीतिक इस्तेमाल का भी आरोप लगाया।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में उदयवीर सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार खुद को ही ‘असली कैबिनेट’ मानती है और बाकी सरकारों को महत्वहीन। वह पहले के फैसलों को पलटने में लगी है। जेपीएनआईसी परियोजना को लेकर शुरू से ही बेईमानी की गई। 8 साल से सरकार में होने के बावजूद कोई जांच नहीं हुई, किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा जिस ठेकेदार ने जेपीएनआईसी बनाया, उसे भाजपा में शामिल कर दो बार राज्यसभा भेज दिया गया। भाजपा की सरकार निजी कंपनियों और मित्रों को लाभ पहुंचाने की नीति पर काम कर रही है। अगर इनका बस चले तो अपनी ही सरकार को भी ठेके पर दे दें।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के मतदाता सूची में सुधार को लेकर दिए गए बयान पर सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि हमने आयोग को बताया है कि नए नियमों में जो स्वयंसेवकों की तैनाती की बात है, उसमें पारदर्शिता का अभाव है। बिहार जैसी सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले राज्य में जहां बाढ़, विस्थापन और बेरोजगारी है, वहां फॉर्म भरना आसान नहीं है। इससे लोग अपने मताधिकार से वंचित न रह जाएं, यह हमारी चिंता है। कई लोगों ने इस मुद्दे पर कोर्ट का रुख भी किया है और जो फैसला आएगा, वो हमें स्वीकार्य होगा।

राजद प्रमुख लालू यादव के नाम एआईएमआईएम की चिट्ठी को लेकर उदयवीर सिंह ने कहा कि यह बिहार का विषय है, वहां की राजनीतिक समिति और नेता तय करेंगे कि क्या करना है। हम इस पर कोई बाहरी टिप्पणी नहीं करेगा।

पूर्व सपा सांसद एसटी हसन के ‘कपड़े उतरवाकर चेकिंग आतंकियों जैसा सलूक’ वाले बयान पर उदयवीर सिंह ने कहा कि धर्म, जाति या किसी भी पहचान के आधार पर किसी को टारगेट करना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है। भाजपा हर धार्मिक या सामाजिक अवसर का समाज को बांटने के लिए प्रयोग करती है, क्योंकि उनके पास 8 साल में कुछ ठोस काम गिनाने के लिए नहीं है।

कांवड़ यात्रा में डीजे या हुड़दंग के विषय पर नरेश टिकैत की चिंताओं को लेकर उदयवीर सिंह ने कहा कि वह एक सामाजिक व्यक्ति हैं, उनकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए। लेकिन, भाजपा इस यात्रा को भी मार्केटिंग का माध्यम बना रही है। समाजवादी सरकार के समय भी यात्रा सुचारू रूप से होती रही, लेकिन तब कभी इतना शोर-शराबा नहीं किया गया। भाजपा धर्म को प्रचार का माध्यम बनाती है। धार्मिक आयोजनों में आस्था होनी चाहिए, न कि अत्यधिक उत्तेजना और राजनीतिक स्टंट।

महाराष्ट्र में ‘हिंदी बनाम मराठी’ विवाद पर मंत्री नितेश राणे की टिप्पणी पर सपा नेता ने कहा कि भाषा, धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटना अपराध है। ऐसे लोग लोकतंत्र की मूल आत्मा को चोट पहुंचा रहे हैं। भाजपा बार-बार विभाजन की राजनीति करती है, ताकि जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।