नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले के मामले में नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने बताया कि फायरिंग करने वाले दोनों संदिग्धों ने गांव के इलाके में हमले के लिए ट्रेनिंग ली थी। पुलिस ने सोमवार को हमले से संबंधित रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया है। वहीं प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भड़काऊ भाषण और कट्टरपंथ के खिलाफ सख्त कानून बनाने का वादा किया है।
पिता और बेटे साजिद अकरम और नवीद ने इस आतंकी हमले को अंजाम दिया था, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। यह देश में लगभग तीन दशकों में सबसे जानलेवा आतंकी हमला था। 50 साल के साजिद को हमले के दौरान पुलिस ने गोली मारकर मार डाला। साजिद भारतीय मूल का था, और 1998 में वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आया था।
पुलिस की ओर से साझा जानकारी के अनुसार, साजिद का 24 साल का बेटा और हमले का दूसरा आरोपी नवीद ऑस्ट्रेलिया में ही पैदा हुआ था। हमले में वह भी घायल हुआ था, जिसके बाद इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, सोमवार को उसे अस्पताल से जेल भेज दिया गया।
इस सिलसिले में पुलिस ने सोमवार को एक दस्तावेज जारी किया। इस दस्तावेज में कहा गया कि दोनों हमलावरों ने शूटिंग से पहले न्यू साउथ वेल्स के ग्रामीण इलाके में फायरआर्म्स की ट्रेनिंग ली थी। अधिकारियों ने इस ट्रेनिंग की तस्वीरें भी जारी की हैं, जिनमें दोनों शॉटगन से फायरिंग करते दिख रहे थे।
पुलिस ने कहा कि दोनों ने अक्टूबर में इस्लामिक स्टेट ग्रुप के झंडे के सामने बैठकर यहूदियों के खिलाफ एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था। इस वीडियो में उन्होंने इस आतंकवादी हमले को अंजाम देने के मकसद का खुलासा किया था। आतंकी हमले को अंजाम देने से कुछ दिन पहले दोनों रात के समय में बोडी बीच पर आए थे।
वहीं आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को शाम 6:47 बजे एक मिनट का मौन रखा। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार को यहूदियों से माफी मांगी और कहा कि उनकी सरकार हेट स्पीच कानूनों को मजबूत करने और संरक्षित समुदायों के खिलाफ हिंसा भड़काने को आपराधिक कृत्य घोषित करने के उद्देश्य से एक विधायी पैकेज पर व्यापक चर्चा शुरू करेगी।

