न्यूयॉर्क
खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा में तनाव बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कनाडा को खरी-खरी सुना दी। बिना नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत बात है। जयशंकर की इस बात के बाद कनाडा के दूत लोकतंत्र की दुहाई देने लगे। उन्होंने कहा कि विदेशी दखल की वजह से उनके देश में लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार बता दिया था। भारत ने तत्काल उनके आरोपों को निराधार और बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था।
यूएन में कनाडा के दूत ने हा कि विदेशी दखल की वजह से पूरी दुनिया में लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है। कनाडा के दूत रॉबर्ट रे ने यूएन में कहा, मैं बताना चाहता हूं कि कनाडा के लोग भी महंगाई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विदेशी दखल, मिसइनफॉर्मेशन और डिसइनफॉर्मेशन को लेकर परेशान हैं। हालांकि उन्होंने भी निज्जर या फिर भारत का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया।
बता दें कि यूएन में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वे दिन खत्म हो चुके हैं जब कुछ देश अपना अजेंडा चलाते थे और बाकी देश उसके पीछे चलने लगते थे। अब भी कुछ देश अजेंडा चलाते हैं लेकिन उनके पीछे चलने वाला कोई नहीं है। अपने फायदे के लिए क्षेत्रीय अखंडता और सम्मान के साथ आंतरिक मामलों में दखल देना और आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत है। उन्होंने कहा कि भारत अब गुट निरपेक्षता से आगे जाकर विश्व मित्र केरूप में विकसित हो रहा है।
कनाडा के दूत ने कहा, हम भी समानता पर जोर देते हैं। हमें स्वतंत्र लोकतांत्रिक समजा को बनाए रखना है। हम राजनीतिक फायदे के लिए एक दूसरे से किए गए समझौतों को नहीं तोड़ सकते। कनाडा की तरफ से दूत ने कहा कि अगर हम नियमों को तोड़ना शुरू करेंगे तो स्वतंत्र समाज की अवधारणा खतरे में पड़ जाएगी।