गयाजी: स्टाइपेंड बढ़ोतरी की मांग पर मगध मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल,...
गयाजी, 26 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के मगध प्रमंडल का सबसे बड़ा और इकलौता सरकारी अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (एएनएमसीएच) में इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल के कारण इलाज प्रभावित हो गया है। इंटर्न डॉक्टरों ने अपने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप कर दी हैं। हालांकि, मरीजों की गंभीर जरूरतों को देखते हुए इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई हैं।
‘बॉडी पेन’ को नजरअंदाज करने की न करें गलती, शरीर में हो सकती है...
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। आजकल की जिंदगी काफी तेज हो गई है। सुबह से शाम तक काम, तनाव और जिम्मेदारियों में लोग इतने उलझे रहते हैं कि अपने शरीर की ओर ध्यान ही नहीं दे पाते। थकावट हो या हल्का दर्द, लोग अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यही छोटी-छोटी बातें आगे चलकर बड़ी बीमारी बन सकती हैं। शरीर जब दर्द करता है, तो वह हमें कुछ बताने की कोशिश करता है। यह कोई आम दर्द नहीं होता, बल्कि एक संकेत होता है कि शरीर के अंदर कुछ कमी है या कोई परेशानी शुरू हो रही है। इसलिए जरूरी है कि हम इन संकेतों को समय पर पहचानें और सही इलाज करें।
कचरा नहीं है केले का छिलका, वैज्ञानिकों की रिसर्च में सामने आए सेहत से...
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। लंबे समय से केला हमारे रोजमर्रा के खानपान का अहम हिस्सा रहा है। ये न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि शरीर को एनर्जी देने के लिए भी जाना जाता है। आमतौर पर केला खाने के बाद उसका छिलका कचरे में फेंक दिया जाता है। लेकिन वैज्ञानिक शोधों में सामने आया है कि जो छिलका हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, वो असल में सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
आईआईटी मद्रास ने बनाया नया उपकरण, एंटीबायोटिक प्रतिरोध का तेजी से करेगा परीक्षण
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया और सस्ता उपकरण बनाया है, जो सिर्फ 3 घंटे में यह बता सकता है कि कोई बैक्टीरिया (जीवाणु) दवाओं से मर जाएगा या उन पर दवा का असर नहीं होगा।
टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरह से प्रभावित...
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन में सामने आया है कि टाइप 1 (टी1डी) और टाइप 2 (टी2डी) डायबिटीज दोनों ही हृदय रोग और मौत का खतरा बढ़ाते हैं, लेकिन इसका असर पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग तरीके से होता है।
निया शर्मा के दांत तो मोतियों जैसे चमकते हैं! अभिनेत्री ने खोला इसका ‘राज’
मुंबई, 25 अगस्त (आईएएनएस)। अदाकारा निया शर्मा अपने बोल्ड लुक्स को लेकर अक्सर सोशल मीडिया में छाई रहती हैं। इनकी खूबसूरती के दीवाने भी कम नहीं हैं। अभिनेत्री की सुंदरता बढ़ाने में उनके मोतियों जैसे दांतों का भी पूरा योगदान है। सोमवार को निया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड कर बताया कि आखिर ये मुमकिन कैसे हुआ?
कैंसर और आवश्यक दवाओं पर जीएसटी में कटौती का जीएसटी परिषद का फैसला ‘सराहनीय’:...
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा कैंसर से संबंधित और अन्य आवश्यक दवाओं पर जीएसटी में कटौती का फैसला एक सराहनीय कदम है।
राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा: डॉ. राजवर्धन झा आजाद की अपील- नेत्रदान कर लोगों को रोशनी...
पटना, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हर वर्ष 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1985 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य समाज में नेत्रदान के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और कॉर्नियल ब्लाइंडनेस की समस्या को कम करना है। इस दौरान तमाम 'आई' बैंक, डॉक्टर, सामाजिक संस्थाएं लोगों को प्रेरित करते हैं कि मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान कर दूसरों को रोशनी दें।
गिरी, उठीं और फिर की कोशिश… कुछ इस तरह हैंडस्टैंड करने में सफल रहीं...
मुंबई, 25 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा हमेशा से अपनी फिटनेस और हेल्थ के लिए जानी जाती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी कई पोस्ट्स आती रहती हैं, जिनमें वह योग और एक्सरसाइज करते हुए नजर आती हैं। सोमवार को मलाइका ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जो उनके फैंस के बीच काफी चर्चा में है। इस वीडियो में वह अपनी ट्रेनर की मदद से हैंडस्टैंड की प्रैक्टिस करती नजर आ रही हैं। यह वीडियो इसलिए खास है क्योंकि इसमें उन्होंने कई बार गिरने और फिर उठकर फिर से कोशिश करने का जज्बा दिखाया है।
आईवीएफ से जुड़ी नई रिसर्च : 35 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए...
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। आईवीएफ से जुड़ी एक बड़ी रिसर्च सामने आई है। लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों ने एक खास रिसर्च की है, जिसमें यह पाया गया है कि अगर आईवीएफ (आईवीएफ) से बच्चे की चाह रखने वाली 35 से 42 साल की महिलाएं भ्रूण का आनुवंशिक परीक्षण (पीजीटी-ए) करवाती हैं, तो उन्हें जल्दी और बेहतर नतीजे मिल सकते हैं।