काज़ी नज़रुल इस्लाम: लेखनी में था भक्ति, प्रेम और विद्रोह का संगम, बांग्लादेश बना...
नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। भक्ति, प्रेम और विद्रोह.. भले ही ये तीनों शब्द अलग-अलग हैं, लेकिन जब इनकी बात आती है तो सबसे पहले अगर किसी का जिक्र होता है तो वह हैं काज़ी नज़रुल इस्लाम। प्रसिद्ध बांग्ला कवि, संगीत सम्राट, संगीतज्ञ और दार्शनिक काज़ी नज़रुल इस्लाम की लेखनी ऐसी थी कि उनकी स्याही से भक्ति, प्रेम और विद्रोह तीनों ही धाराओं का संगम निकलता था।
ए.के. हंगल: ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई…’, शोले के रहीम चाचा की अदाकारी के...
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। शोले के रहीम चाचा हो या लगान फिल्म के शंभू काका। इन किरदारों के बारे में बात करते ही एक बुजुर्ग शख्स की छवि सामने आती है। इस किरदार को निभाया था लेजेंडरी एक्टर अवतार किशन हंगल उर्फ ए.के हंगल ने। उनकी अदाकारी ऐसी कि दर्शक भी उससे आसानी से जुड़ जाते थे। शोले फिल्म के रहीम चाचा का ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई...’ डायलॉग इसका एक बड़ा उदाहरण हैं।
‘हिंदुस्तानी संगीत का राजा’ जिसने शास्त्रीय गायन के रंग को और निखारा
नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारत का संगीत, यहां की संस्कृति और सभ्यता इतनी समृद्ध है कि इसका मुकाबला दुनिया के किसी देश के संगीत, संस्कृति और सभ्यता में करने की क्षमता नहीं है। हमारे वेदों से निकला देश का संगीत सात समंदर पार भी लोगों के दिलों में बसता है। 24 अगस्त, 1917 को किराना घराने में एक ऐसा बच्चा पैदा हुआ जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह एक दिन 'हिंदुस्तानी संगीत का राजा' कहलाएगा।
स्मृति शेष : पत्रकारिता के पितामह, हर किरदार में कुलदीप नैयर रहे दमदार
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। आज किसी दल के विरोध का मतलब उसके नेता से लेकर कार्यकर्ता तक आपके विरोधी हो जाएंगे। एक शख्सियत ऐसी रही, जिसके विरोध ने भी राजनीतिक दलों के दिल में उनके लिए नफरत को जगह नहीं दी।
हरिशंकर परसाई : गाय का ‘धर्म’ और राजनीति का ‘मर्म’ समझाने वाले व्यंग्यकार
नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। स्टैंडअप कॉमेडी का जादू आज के युवाओं के सिर चढ़कर बोलता है। हरिशंकर परसाई होते तो इस स्टैंडअप कॉमेडी में हंसी-मजाक और क्राउड वर्क के नाम पर जारी अश्लीलता पर जरूर सवालिया निशान लगाते।
विश्व रंग ने मॉरीशस में हिंदी के वैश्विक विस्तार की जमीन तैयार की –...
विश्वरंग मॉरिशस के ऐतिहासिक आयोजन में भागीदारी कर भोपाल लौटे प्रतिनिधियों ने बुधवार को होटल पलाश में आयोजित “विश्वरंग वार्ता” में अपने रचनात्मक अनुभवों...
इस्मत आपा : अश्लील लेखिका का ‘तमगा’, कोर्ट का चक्कर, शब्दों ने बनाया ‘लेडी...
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। साहित्य जगत में 'लेडी चंगेज खान' के नाम से मशहूर इस्मत चुगताई किसी परिचय की मोहताज़ नहीं हैं।
तीन चोर जिन्होंने लियोनार्डो द विंची की ‘मोनालिसा’ को रातों रात बना दिया ‘मास्टरपीस’
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। 21 अगस्त 1911 की सुबह थी। ऊंघता पेरिस अंगड़ाई ले रहा था। लूव्र म्यूजियम के आस पास शांति थी। इसी दौरान तीन शख्स भारी कंबल की परत के भीतर म्यूजियम से कुछ लेकर जाते दिखे। क्या था इनके हाथों में! इसका जवाब अगले 24 घंटे तक किसी के पास नहीं था। इन चोरों के हाथ में लियोनार्डो द विंची की मोनालिसा थी। अमर कृति जो चोरी होने के बाद चर्चा में आई। दो साल बाद मिली तब पता चला कि चोरी की वजह क्या थी!
मिजाज से नरम लेकिन क्रांति के लिए ‘गरम मन’ वालों के समर्थक थे गांधीवादी...
नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बचपन में अंग्रेजों के खिलाफ ऐसी आवाज बुलंद की कि डॉक्टर ने कड़वी दवाई को मीठा करने के लिए उसमें चीनी मिलाई तो दवा खानी ही छोड़ दी। यरवदा जेल में बापू ने कह दिया कि तुमने मुझसे झूठ बोला, धोखा दिया और पपीता खिलाया तो इन्होंने कसम खा ली कि ताउम्र पपीता नहीं खाउंगा। मीठे से दूरी के बाद भी जिनकी कलम साहित्य रचना के समय मिठास से भरी रही। उनकी साहित्यिक भाषा और शैली ओजस्वी थी क्योंकि उन्हें पराधीनता रास नहीं आती थी। अपने निबंधों को जिन्होंने हमेशा व्याख्यात्मक शैली में लिखा और कुछ रचनाएं तो ऐसी जिसमें उन्होंने विचारक के तौर पर उपदेशात्मक शैली के दर्शन कराए।
त्रिलोचन शास्त्री : समाज की नब्ज समझने वाला कवि, जिन्होंने शेक्सपीयर और मिल्टन को...
नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। 'हमेशा पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी से निराश रही है। नई पीढ़ी भी पुरानी पीढ़ी बनकर निराश होती रही है।' अरसे पहले कवि त्रिलोचन की इन बातों से आज के दौर के लोग जरूर इत्तेफाक रखते होंगे।