शब्दों के शिल्पी : स्याही से उकेरी क्रांति की गाथा, हर शब्द में आंदोलन...
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। पंजाब के एक छोटे से कस्बे फिरोजपुर छावनी में जन्मे यशपाल शर्मा एक ऐसे इंसान थे, जिनकी जिंदगी में आग और कलम दोनों का सामंजस्य था। उनके पिता हीरालाल साधारण कारोबारी थे, पढ़ाई-लिखाई में ज्यादा रूचि नहीं रखते थे, लेकिन उनकी मां ने यशपाल के भीतर विद्या और विचार की ज्वाला जलाने की ठान ली थी। वे चाहती थीं कि उनका बेटा स्वामी दयानंद के आदर्शों की तरह तेजस्वी बने, समाज और देश के लिए कुछ करे।
चार दिवसीय विश्वरंग 2025 का गरिमामय समापन – साहित्य, कला और संस्कृति के वैश्विक...
भोपाल : 1 दिसंबर/ रवीन्द्र भवन परिसर में आयोजित “विश्व रंग 2025 – टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव” अपने चार दिवसीय सृजनात्मक, वैचारिक...
समाज सेवा, युद्ध कौशल में निपुण अहिल्या को न्यायनिष्ठा और प्रजावत्सला होने के कारण...
भोपाल : 30 नवंबर/ विश्वरंग 2025 में चौथे दिन “उत्तर-रंग” कार्यक्रम के अंतर्गत रवीन्द्र भवन परिसर सोमवार की शाम संगीत और रंगमंच की अनूठी...
भव्य सुर–संध्या में संवराया विश्वरंग का मंच, सोना महापात्रा की गायकी ने बाँधा समां
भोपाल : 29 नवंबर/ विश्वरंग – टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव 2025 के समापन दिवस पर सांस्कृतिक सत्र में देश की चर्चित गायिका...
विश्वरंग 2025 का समापन: संगीत, विचार, कला और ज्ञान से सजा बहुरंगी अंतिम दिवस
भोपाल : 29 नवंबर/ रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विश्वरंग 2025 के तीसरे और अंतिम दिन की शुरुआत आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक सौहार्द से...
विश्वरंग–2025 के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने किया भव्य उद्घाटन, साहित्य–संस्कृति, एआई और नई सदी...
भोपाल : 28 नवंबर/ राजधानी भोपाल में आयोजित विश्वरंग–2025 टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव के दूसरे दिन का भव्य शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री...
विश्वरंग–2025 : टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव में बोले मुख्यमंत्री, भाषा और संस्कृति...
भोपाल : 28 नवंबर/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भाषा और संस्कृति एक-दूसरे की सहज पूरक हैं। संस्कृति, भाषा को वह...
भारतीय परंपरा और आधुनिक विचारधारा के बीच एक सशक्त सांस्कृतिक सेतु है विश्वरंग :...
भोपाल : 27 नवंबर/ अंतरराष्ट्रीय साहित्य–कला महोत्सव ‘विश्व रंग 2025’ के सातवें संस्करण का आज भोपाल स्थित रविन्द्र भवन परिसर में अत्यंत भव्य शुभारंभ...
‘मधुशाला’ के बच्चन: किराए का घर और ‘उस पार जाने’ को व्याकुल नर, जो...
नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। हिंदी कविता में हरिवंश राय 'बच्चन' के एटीट्यूड और फिलॉसफी का हर कोई कायल है। उन्होंने कविता से संवेदनाओं के साथ ही जिंदगी की सच्चाई से दुनिया को रूबरू कराया। उनका परिचय इतना ही है, ''मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षणभर जीवन मेरा परिचय।''
संस्कृति की रंगो-महक से फिर गुलज़ार होगा ‘विश्व रंग’, भोपाल में 27 नवंबर को...
भोपाल : 25 नवंबर/ जाड़े की गुलाबी दस्तक के साथ एक बार फिर भोपाल की वादियाँ विश्व रंग से गुलज़ार हो रही हैं। टैगोर...









