सीईसी की घोषणा पर कांग्रेस का बयान- बिहार में एसआईआर से जुड़े सवालों के अभी तक नहीं मिले जवाब

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए जाने वाले एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के इस कदम को लेकर राजनीतिक दलों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

इस बीच कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की घोषणा पर कहा कि सोमवार को भारत निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की है। बिहार में एसआईआर को लेकर उठे सवालों के जवाब हमें अभी तक नहीं मिले हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार के एसआईआर की खामियों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा। वरना, चुनाव आयोग और उसे कठपुतली बनाने वाली भाजपा की मंशा बिहार के एसआईआर के जरिए साफ तौर पर उजागर हो जाती।

वहीं, कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने एसआईआर के दूसरे चरण पर कहा कि छत्तीसगढ़ में एसआईआर की घोषणा हो गई है, लेकिन निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि बिहार में कितने बांग्लादेशियों की पहचान की गई है। कितने लोग बाहर हो गए हैं? क्योंकि एसआईआर के जरिए ये लोग विदेशी नागरिक भगाने की बात कर रहे हैं। अब तक केंद्रीय गृह मंत्रालय ये भी नहीं बता पाया है कि कितने पाकिस्तान के लोग छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं।

बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए जाने वाले एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुद्रण व प्रशिक्षण का कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक चलेगा। घर-घर गणना चरण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक की जाएगी। ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर 2025 को होगा। दावे और आपत्ति अवधि 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दाखिल की जाएगी। जिन लोगों को नोटिस जाएगी, उनकी सुनवाई और सत्यापन 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक होगा। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

जिन 12 राज्यों में एसआईआर किया जाएगा, उनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं।

एसआईआर के दूसरे चरण में असम को शामिल न किए जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि भारतीय नागरिकता कानून में असम के लिए अलग प्रावधान हैं। सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में वहां नागरिकता की जांच लगभग पूरी होने वाली है। एसआईआर का आदेश पूरे देश के लिए था; यह असम पर लागू नहीं होता। इसलिए असम के लिए अलग से संशोधन के आदेश जारी किए जाएंगे।