चक्रवात ‘दितवाह’: श्रीलंका के कई स्थानों पर सड़कें नष्ट, भारतीय वायुसेना हेलिकॉप्टर से पहुंचा रही मदद

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। चक्रवात ‘दितवाह’ ने श्रीलंका में भीषण तबाही मचाई है। चक्रवात ‘दितवाह’ से श्रीलंका में जान माल की हानि तो हुई ही है, वहीं कई स्थानों पर सड़कें भी नष्ट हो चुकी हैं। चक्रवात के कारण आई बाढ़ में लोगों के घर डूब गए हैं। ऐसे कठिन समय में भारतीय वायुसेना व भारतीय राहतकर्मियों ने श्रीलंका में लोगों की जान बचाई है।

श्रीलंका में राहत और बचाव के लिए भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ चलाया जा रहा है। सोमवार को भी यह ऑपरेशन पूरी तेजी से जारी रहा है। श्रीलंका के संकटग्रस्त इलाकों में सोमवार को भारतीय वायुसेना, एनडीआरएफ और भारतीय मेडिकल टीमें लगातार लोगों की जान बचाने के प्रयासों में जुटी रहीं।

श्रीलंका में चक्रवात चक्रवात ‘दितवाह’ और भारी वर्षा के कारण उत्पन्न गंभीर आपदा की स्थिति को देखते हुए भारत ने अपने मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियान ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ को और अधिक गति दी है। सोमवार को एक जानकारी में बताया गया कि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए एक अतिरिक्त आपातकालीन हेल्पलाइन भी सक्रिय कर दी गई है।

नए आपातकालीन नंबर- 94 77 372 7832 व 94 77 122 9026 व्हाट्सऐप उपलब्ध हैं।

कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग फंसे हुए सभी भारतीय नागरिकों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहा है। वहीं, भारतीय वायुसेना की मदद से श्रीलंका के पुत्तलम में एनडीआरएफ की टीम पहुंची हैं। यह इलाका पूरी तरह से क्षेत्रों से कट चुका है। यहां सामान्य आवाजाही के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में भारतीय दलों ने यहां व आसपास के इलाकों से 38 लोगों को सुरक्षित निकाला है।

पुत्तलम के थुम्मदोरा गांव में, जहां सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित है, एनडीआरएफ की विशेष टीम ने गर्भवती महिलाओं, बच्चों, शिशुओं और पालतू जानवरों सहित 38 लोगों को सुरक्षित निकाला। टीम ने घर-घर जाकर जांच की और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपना जीवनरक्षक अभियान जारी रखा।

यह अभियान भारतीय आपदा प्रतिक्रिया बल की विशेषज्ञता और तत्परता का प्रमाण है। वहीं, भारतीय वायुसेना की मेडिकल टीम ने श्रीलंकाई वायुसेना को भीष्म क्यूब अस्पतालों का प्रशिक्षण दिया। इसके जरिए स्वास्थ्य सेवाएं अविलंब सुनिश्चित की जा सकती हैं।

भारतीय वायुसेना की मेडिकल क्रिटिकल केयर टीम ने कटनायके में श्रीलंकाई वायुसेना कर्मियों को क्यूब्स यानी तेजी से स्थापित किए जा सकने वाले मॉड्यूलर फील्ड अस्पताल का उपयोग सिखाया। ये अस्पताल प्रभावित क्षेत्रों में मंगलवार से तैनात किए जाएंगे, जिससे आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं तुरंत उपलब्ध कराई जा सकें।

इसके अलावा वायुसेना ने अन्य क्षेत्रों में 57 और लोगों को सुरक्षित निकाला। वहीं वायुसेना बाढ़ व प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के लिए 2.5 टन राशन भी पहुंचाया है। ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारतीय वायुसेना के आईएफसी 1875 हेलीकॉप्टर ने सोमवार को इरुंगुवट्टा से जिन 57 लोगों को बचाया है, उनमें 10 बच्चे भी शामिल थे।

वायुसेना के मुताबिक इन सभी लोगों को सुरक्षित निकालकर माताले पहुंचाया गया है। इसी मिशन में हेलीकॉप्टर ने 2.5 टन राहत सामग्री भी प्रभावित पहुंचाई, जहां स्थानीय टीमें वितरण कार्य में लगी हुई हैं। वहीं कोटमले में भारतीय वायुसेना का बड़ा अभियान जारी रहा। यहां 45 लोगों की हवाई अभियान के जरिए जान बचाई गई। श्रीलंका के कोटमले क्षेत्र में भी सड़क संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।

गौरतलब है कि यहां भारतीय वायुसेना ने श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ समन्वय कर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया था। विभिन्न मिशनों में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 6 गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों और 4 शिशुओं सहित कुल 45 लोगों को सुरक्षित निकालकर कोलंबो पहुंचाया था। बचाए गए लोगों में 12 भारतीय नागरिक शामिल थे, जबकि अन्य यात्रियों में जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, स्लोवेनिया, यूके, पोलैंड, बेलारूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के नागरिक थे।

ग्राउंड ऑपरेशंस को मजबूत करने के लिए भारतीय वायुसेना ने 57 श्रीलंकाई सैनिकों को भी प्रभावित क्षेत्र में एयरलिफ्ट किया है। भारत द्वारा निरंतर चलाए जा रहे इन राहत अभियानों ने न केवल समय पर पीड़ितों तक सहायता पहुंचाई है, बल्कि यह भी प्रदर्शित किया है कि भारत कठिन परिस्थितियों में हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा रहता है।

चुनौतीपूर्ण मौसम, बाधित मार्गों और जोखिमपूर्ण इलाकों के बावजूद भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ ने त्वरित, संगठित और संवेदनशील तरीके से राहत कार्य करते हुए अब तक श्रीलंका में सैकड़ों लोगों की जानें बचाई हैं। वायुसेना के मुताबिक ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ अभी भी जारी है। भारत श्रीलंका की इस आपदा की घड़ी में पूरी क्षमता से सहायता कर रहा है।