चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के चलते आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कई जिलों में रेड अलर्ट, पूरी तट पर स्नान बंद

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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ तेजी से उत्तरी-पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पिछले छह घंटों में यह तूफान 15 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा है।

सोमवार सुबह मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि अगले 12 घंटों में तूफान दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा, फिर उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर मुड़ेगा। 28 अक्टूबर की सुबह तक यह एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इसके बाद यह 28 अक्टूबर की शाम या रात में काकीनाडा के पास मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश तट को पार कर सकता है।

इस दौरान हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 110 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है, जिससे समुद्र में ऊंची लहरें और भारी तबाही का खतरा बढ़ जाएगा।

आईएमडी ने आंध्र प्रदेश के 23 जिलों और दक्षिण ओडिशा तटों के लिए चेतावनी जारी की है। आंध्र में एसपीएसआर नेल्लोर, प्राकासम, भट्टल, कृष्णा, वेस्ट गोदावरी, ईस्ट गोदावरी और विजयवाड़ा जैसे जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट है। 27 से 29 अक्टूबर तक इन क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज हवाएं और बाढ़ की आशंका है।

ओडिशा के कोरापुट, मल्कानगिरी, रायगढ़ा, नबरंगपुर, कालाहांडी, गंजम और गजपति जिलों में भी रेड अलर्ट लागू है, जहां 28-29 अक्टूबर को बहुत भारी बारिश की संभावना है। तमिलनाडु के उत्तरी हिस्सों में हल्की बारिश और बिजली चमकने की उम्मीद है।

वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है और बिजली, टेलीकॉम व पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। ओडिशा सरकार ने कमजोर इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है और 128 आपदा प्रतिक्रिया टीमें तैनात की गई हैं। पुरी समुद्र तट पर 27 से 29 अक्टूबर तक स्नान पर रोक लगा दी गई है, जबकि किसानों ने फसल कटाई तेज कर दी है।

मछुआरों को अगले पांच दिन समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। दक्षिण बंगाल के कोलकाता, साउथ 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर में 27 अक्टूबर से हल्की बारिश शुरू हो सकती है, जो 28-31 अक्टूबर तक भारी रूप ले सकती है। सेना और तटरक्षक बल तैयार हैं और जलवायु परिवर्तन के कारण तूफानों की तीव्रता बढ़ने की चेतावनी दी गई है।