बीजिंग, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट ने 23 दिसंबर को घोषणा की कि चीन ने 15 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के समक्ष, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (यूएनसीएलओएस) के तहत तैयार राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे क्षेत्रों में समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग पर समझौते के अनुसमर्थन का दस्तावेज प्रस्तुत किया है।
यह समझौता संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के अंतर्गत एक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संधि है। यूएनसीएलओएस के आधार पर तैयार यह समझौता समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और उसके सतत उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसमें चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है: गहरे समुद्र के आनुवंशिक संसाधन, समुद्री संरक्षित क्षेत्र, पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन तथा क्षमता निर्माण।
यह समझौता सभी देशों की गहरे समुद्र और खुले महासागरों में होने वाली गतिविधियों के लिए स्पष्ट कानूनी दिशानिर्देश प्रदान करता है और वैश्विक समुद्री शासन पर दूरगामी प्रभाव डालने की क्षमता रखता है।
इस समझौते की वार्ता प्रक्रिया वर्ष 2004 में आरंभ हुई थी। इसे 19 जून, 2023 को सर्वसम्मति से अपनाया गया और 20 सितंबर, 2023 से हस्ताक्षर के लिए खोला गया। अब तक 144 देश और यूरोपीय संघ इस समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं, जबकि 80 देश और यूरोपीय संघ इसके अनुसमर्थन, अनुमोदन, स्वीकृति या अभिगम दस्तावेज जमा कर चुके हैं। यह समझौता 17 जनवरी, 2026 से प्रभाव में आएगा।
चीन ने इस समझौते की वार्ता प्रक्रिया में सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाई थी तथा हस्ताक्षर के लिए खुलने के पहले ही दिन उस पर हस्ताक्षर कर दिए, जिससे वह प्रारंभिक हस्ताक्षरकर्त्ताओं में शामिल हुआ। इसके बाद 28 अक्तूबर, 2025 को 14वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी समिति के 18वें सत्र ने इस समझौते के अनुसमर्थन के निर्णय को अनुमोदित किया। समझौता लागू होने की तिथि से चीन इसका एक विधिवत अनुबंधित पक्ष बन जाएगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

