भोपाल, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौतों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक कोल्ड्रिफ सिरप की 157 बोतल एक महीने में मार्केट में बेची गईं, जबकि इस सिरप से 25-30 बच्चे प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि बाकी बोतलों का क्या हुआ और कितने बच्चों की मौत हुई या इलाज चल रहा है, इसका पूरा आंकड़ा सरकार को जनता के सामने रखना चाहिए।
पटवारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता पूरे देश ने देखी। जब पत्रकारों ने उनसे इस मामले में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘मत पूछो उस पर सवाल, कल की बात थी, आज की बात करो।’ इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री खुद मान रहे हैं कि कल जो हुआ वो हत्या थी, लेकिन अब उस पर बात नहीं करना चाहते।”
उन्होंने मुख्यमंत्री के रतलाम दौरे पर हुए भव्य स्वागत को भी आड़े हाथों लिया। पटवारी ने कहा, “मध्य प्रदेश के एक जिले में करीब 25 बच्चों की मौत हो गई और दूसरे जिले में मुख्यमंत्री फूल-मालाओं के बीच स्वागत करवा रहे हैं। एक तरफ मातम है, दूसरी तरफ उत्सव, यही संवेदनशीलता है इस सरकार की।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि “भारतीय जनता पार्टी के सांसद उत्सव और नाच-गाने करा रहे थे। जब तक मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे, बीजेपी का कोई नेता मौके पर नहीं गया। मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद ही सब वहां पहुंचे। यह सरकार की प्राथमिकता को दिखाता है।”
पटवारी ने मध्य प्रदेश की जनता से अपील की कि वे “समझें कि बीजेपी धर्म और नफरत के नाम पर वोट लेती है, लाड़ली बहन जैसी योजनाओं से तत्काल लाभ दिखाकर वोट लेती है और फिर पांच साल तक जनता को महंगाई और लापरवाही से पीड़ित करती है।”
उन्होंने मांग की कि ट्रांसफर किए गए ड्रग कंट्रोलर को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया जाए और स्वास्थ्य मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। पटवारी ने कहा, “अगर मंत्री इस्तीफा नहीं देते तो मुख्यमंत्री को हिम्मत दिखाते हुए उनसे इस्तीफा लेना चाहिए।”
कांग्रेस नेता ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि पिछले एक साल में मध्य प्रदेश में 10 साल से कम उम्र के कितने बच्चों की मौत हुई और उनके कारण क्या थे, इसका खुलासा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि “यह सिरप सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं, बल्कि अन्य चार राज्यों में भी बेचा गया। वहां भी क्या ऐसी घटनाएं हुईं, इसकी भी जांच जरूरी है।”
पटवारी ने कहा कि “यह केवल एक दवा कांड नहीं है, बल्कि सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता का जीवंत उदाहरण है। जनता को जवाब चाहिए और सरकार को जिम्मेदारी तय करनी ही होगी।”