चुनाव आयोग संविधान के प्रावधानों के तहत कर रहा काम : संजय निरुपम

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मुंबई, 10 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण चल रहा है। इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग काम कर रहा है। वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईसीआई देश के मतदाताओं के साथ था, है और हमेशा रहेगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि चुनाव आयोग संविधान के प्रावधानों के तहत काम कर रहा है।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि भारत का चुनाव आयोग एक स्वायत्त संस्था है जो संविधान के प्रावधानों के अनुसार काम करता है। जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं, तो चुनाव आयोग पहले मतदाता सूची में संशोधन करता है। महाराष्ट्र में भी चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन किया गया था। इसी तरह, बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन किया जा रहा है। अब इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए विपक्ष के लोग कहते हैं कि चुनाव आयोग भाजपा का एक हिस्‍सा है। यह विपक्षी पार्टियों की नाकामी को छुपाने का बहाना है।

बिहार में एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर निरुपम ने कहा कि बिहार में लगभग 1.5 से 2 करोड़ बांग्लादेशी मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं। अतीत में कई सरकारों और स्थानीय नेताओं ने वोट बैंक बनाने के इरादे से इन अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को चुनाव जीतने के लिए मतदाता बनने में मदद की। संवैधानिक संस्‍था चुनाव आयोग देश के संविधान की धारा 326 का उपयोग करते हुए बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण कर रहा है। ऐसे में वहां के मूल निवासी यानी मतदाताओं को छोड़कर बाहर से आए लोगों को मतदाता सूची से निकालने का काम कर रही है। उन्‍होंने कहा कि इसमें कौन सा गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक काम हो रहा है।

उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के नेताओं को घुसपैठिए बांग्लादेशियों का वोट चाहिए इसलिए इसको लेकर शोर मचा रहे हैं। दोनों पार्टियों को शर्म आनी चाहिए कि आप अपने देश का लोकतंत्र विदेश से आए मतदाता के भरोसे चलाना चाहते हैं। हमारे देश की लोकतांत्रिक परंपरा है, उसे इस देश के नागरिक चलाएंगे न कि बांग्‍लादेश से आए हुए घुसपैठिए।