नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। वायु प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली की आबोहवा ठीक करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कुछ बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुलाई गई कैबिनेट बैठक में ‘ग्रीन, क्लीन और फ्यूचर रेडी दिल्ली’ की दिशा में तीन अहम निर्णय लिए गए।
दिल्ली मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि आज दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में ‘ग्रीन, क्लीन और फ्यूचर रेडी दिल्ली’ की दिशा में तीन अहम निर्णय लिए गए।
बताया गया कि 1 अप्रैल 2026 से दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) द्वारा संचालित सेवाएं समाप्त कर राजधानी की सभी बस सेवाएं पूर्ण रूप से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा संचालित की जाएंगी। इससे बस संचालन अधिक प्रभावी होगा, सेवाएं समयबद्ध बनेंगी और यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी व अधिक सुविधाजनक पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिलेगा।
सीएम कार्यालय ने बताया कि दिल्ली के जलाशयों और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया है। इससे भूजल स्तर में सुधार होगा, जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और स्वच्छ जल स्रोतों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। होलंबी कलां में ‘ई-वेस्ट ईको पार्क’ स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह पहल इलेक्ट्रॉनिक कचरे के वैज्ञानिक और सुरक्षित निपटान को सुनिश्चित करेगी और पर्यावरण संरक्षण को मजबूती देगी।
सारे फैसले आज की जरूरतों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण, मजबूत सार्वजनिक सेवाएं और सुरक्षित भविष्य की ठोस नींव रखते हैं। विरासत में मिली समस्याओं को मौजूदा सरकार चुनौती मानकर, हर मोर्चे पर डटकर समाधान कर रही है। दिल्ली को अब स्पष्ट योजनाएं, निरंतर प्रयास और ठोस नतीजे मिल रहे हैं। सरकार नॉनस्टॉप विकसित दिल्ली, स्वच्छ और सुंदर दिल्ली के निर्माण में जुटी है।
इससे पहले एक हाई लेवल मीटिंग में सीएम रेखा गुप्ता ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बिना वैध पीयूसी प्रमाणपत्र वाले वाहनों पर चालान की व्यवस्था सख्ती से जारी रहे। इस विषय में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।
निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से ओला और उबर जैसी कंपनियों से बातचीत की जाएगी ताकि पूल और शेयर बस सेवाएं शुरू की जा सकें और सड़कों पर वाहनों का दबाव घटे। साथ ही डीटीसी बसों के रूट की नई व्यवस्था की जा रही है, ताकि जिन क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की अधिक आवश्यकता है, वहां सेवाएं और अधिक प्रभावी रूप से उपलब्ध कराई जा सकें।

