नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “पाकिस्तान को आतंकी करार देने के लिए कोई देश हमारे साथ नहीं खड़ा हुआ। पिछले 10-11 साल से हम कह रहे हैं कि सरेंडर करना बंद करें।”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के केंद्र सुरक्षित नहीं हैं। लेकिन, विदेश नीति की कमजोरी के कारण भारत की सेना की ताकत का पूरा फायदा नहीं उठाया जा रहा। देश की मजबूत सेना के बावजूद, विदेश नीति में कायरता के कारण भारत को नुकसान हो रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। कहा, “अब पीएम मोदी को सरेंडर करना बंद करना होगा। कभी चीन के आगे सरेंडर कर देते हैं, तो कभी अमेरिका के आगे। हम लगातार प्रधानमंत्री से यही कह रहे हैं कि आप सरेंडर करना बंद कीजिए।”
आगे बोले, ” किसी भी देश की छवि को बनाने में उसकी विदेश नीति की भूमिका अहम होती है। इस बात को बिल्कुल भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि इस देश की सेना काफी मजबूत है। आज अगर इस राष्ट्र की गरिमा हिफाजत है, तो इसका पूरा श्रेय हमारी सेना को जाता है।”
उन्होंने कहा, ” जब हमारे राष्ट्र पर किसी भी प्रकार का संकट आता है, तो पक्ष और विपक्ष एक साथ खड़े हो जाते हैं। लेकिन, अगर ऐसी स्थिति में भी पीएम मोदी चीन को क्लीन चिट दे देते हैं, तो इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह सब तो नहीं चलेगा।”
उन्होंने बताया कि हाल ही में ईगल समूह की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। चुनाव आयोग के एक सचिव-स्तरीय अधिकारी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखा था, जिसका जवाब कांग्रेस ने बुधवार को जारी किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र और हरियाणा के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़ी डिजिटल वोटर लिस्ट और वोटिंग की वीडियो फुटेज की मांग की है।
उन्होंने कहा, “हमने दो मांगें रखी हैं। पहली, महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव की डिजिटल, मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट दी जाए। दूसरी, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, जो पांच महीने बाद हुआ, जिसमें 40 लाख वोटरों की बढ़ोतरी हुई, उसकी भी डिजिटल वोटर लिस्ट दी जाए। साथ ही, महाराष्ट्र और हरियाणा में वोटिंग की वीडियो फुटेज उपलब्ध कराई जाए।” उन्होंने आयोग को सात-आठ दिन का समय दिया और कहा कि बिना डेटा दिए चाय पीने की बैठक बुलाना बेमानी है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “पहले शेरो-शायरी सुनने बुलाते थे, अब चाय पीने? हमें हमारा हक दो, फिर बात होगी।”