दीप्ति नवल ने शेयर की पिता के साथ यूरोप ट्रिप की पुरानी यादें, बोली- ‘वो पल आज भी दिल में जिंदा हैं’

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मुंबई, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री दीप्ति नवल भले ही आजकल सिल्वर स्क्रीन पर कम नजर आती हों, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए वह अपने प्रशंसकों से जुड़ी रहती हैं। मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए पिता के साथ यूरोप ट्रिप की यादें ताजा की।

अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह पिता संग नजर आ रही हैं। अभिनेत्री ने इसे कैप्शन दिया, “पापा की एक खास याद -1982 में मैं और पापा यूरोप घूम रहे थे। वो पल आज भी दिल में जिंदा हैं।”

फैंस को दिप्ती का यह पोस्ट काफी पसंद आ रहा है। वे कमेंट सेक्शन पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

दीप्ति का जन्म अमृतसर में हुआ, लेकिन उनका परिवार बाद में न्यूयॉर्क शिफ्ट हो गया। उनके पिता सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में प्रोफेसर थे। अभिनय के क्षेत्र में उनकी शुरुआत 1978 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘जुनून’ से हुई, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नहीं दिखा सकी। इसके बाद साल 1979 में ‘एक बार फिर’ ने उन्हें दर्शकों के बीच पहचान दिलाई।

दीप्ति को अभिनय के साथ-साथ संगीत का भी शौक रहा। उन्होंने इस जुनून को बरकरार रखा और निर्देशन में भी कदम रखा। उन्होंने मनीषा कोइराला अभिनीत फिल्म ‘दो पैसों की धूप, चार आनों की बारिश’ का निर्देशन किया, जिसे 2009 के कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। उनकी कला ने हमेशा दर्शकों का दिल जीता।

दीप्ति की जोड़ी अभिनेता फारूक शेख के साथ खूब जमी। दोनों ने ‘चश्मे बद्दूर’, ‘साथ-साथ’ जैसी कई हिट फिल्मों में साथ काम किया। फैंस इस जोड़ी को बेहद पसंद करते थे। कहा जाता है कि दीप्ति और फारूक के बीच गहरी दोस्ती थी, जो पर्दे के बाहर भी नजर आती थी। कुछ का मानना है कि दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे, लेकिन दीप्ति ने कभी अपने जज्बात जाहिर नहीं किए।

अभिनय के अलावा दीप्ति नवल पेंटर, पोएट और फोटोग्राफर भी हैं। उनकी पेंटिंग्स और फोटोग्राफी की कई प्रदर्शनियां भी लग चुकी हैं। उन्होंने ‘लम्हा लम्हा’ और ‘द कंट्री कॉल्ड चाइल्डहुड’ जैसी किताबें भी लिखी हैं, जिन्हें काफी पसंद किया गया।