दिल्ली: 12 एमसीडी वार्ड में उपचुनाव की तैयारियां तेज

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नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों में उपचुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन वार्डों में मुंडका, शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका बी, दिचाऊं कला, नारायणा, संगम विहार-ए, दक्षिण पुरी (एससी), ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर शामिल हैं।

ये वार्ड मुंडका, वजीरपुर, मटियाला, नजफगढ़, राजेंद्र नगर, देवली और पटपड़गंज जैसे प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं।

दिल्ली निर्वाचन आयोग ने पुष्टि की है कि 1 जनवरी 2025 को अपडेट की गई विधानसभा मतदाता सूची को इन उपचुनावों के लिए उपयोग किया जाएगा, जैसा कि नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 7(ई) में कहा गया है।

आयोग ने प्रेस नोट में बताया, “नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक तैयार किए गए सभी अतिरिक्त मतदाता सूची भी इन उपचुनावों के लिए इस्तेमाल की जाएंगी।”

सभी 12 वार्डों के रिटर्निंग ऑफिसरों को निर्देश दिए गए हैं और उन्हें 13 अक्टूबर 2025 तक मतदान केंद्रों को अंतिम रूप देने का काम सौंपा गया है। नागरिकों से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करने के लिए सार्वजनिक नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

सुचारू मतदान सुनिश्चित करने के लिए, दिल्ली सरकार और एमसीडी के अधिकारियों को जिला चुनाव अधिकारी, आरओ, एआरओ और सामान्य पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया गया है। चुनाव प्रक्रिया के दौरान खर्च की निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे।

आयोग ने मतदाता सहायता के लिए कई उपायों की घोषणा की है, जिनमें व्हीलचेयर बुकिंग, 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए निगम चुनाव दिल्ली मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से पिक-एंड-ड्रॉप सुविधाएं शामिल हैं।

अभियान अनुमतियों को सुव्यवस्थित करने और शिकायतों को कुशलतापूर्वक निपटाने के लिए एकल खिड़की अनुमति पोर्टल भी शुरू किया जा रहा है।

उपचुनाव के लिए एक सिंगल विंडो परमिशन पोर्टल शुरू किया जा रहा है ताकि चुनाव प्रचार की अनुमति आसानी से मिल सके और शिकायतों का तेजी से समाधान हो।

आयोग ने कहा कि आज दिल्ली पुलिस आयुक्त के साथ एक बैठक हुई, जिसमें उपचुनाव को सुचारू रूप से कराने के लिए सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की गई। आयोग जल्द ही दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के साथ बैठक करेगा ताकि सभी व्यवस्थाएं सुचारू हों और उपचुनाव जल्दी कराए जा सकें।

चुनाव की तारीखों की घोषणा त्योहारों, परीक्षाओं, लॉजिस्टिक समस्याओं और सुरक्षा संबंधी जानकारी को ध्यान में रखकर की जाएगी, ताकि शांतिपूर्ण और व्यवस्थित चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित हो।