दिल्ली: 1400 नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को मिली स्थायी नौकरी, रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

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नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 1,388 नर्सों और 41 पैरामेडिकल स्टाफ को स्थायी नौकरी दे दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्ति पत्र सौंपे। रेखा गुप्ता ने कहा कि वर्षों तक पिछली दिल्ली सरकारों ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को कोई स्थायी नौकरी नहीं दी। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब कई सालों के बाद 1,388 नर्सों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं।

दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ के लिए पंजीकरण वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एक ऐसी पहल है जो स्वास्थ्य सेवा को लोगों की चौखट तक पहुंचाएगी। ये वैन दिल्ली के हर नागरिक को आयुष्मान भारत कार्ड पंजीकरण की सुविधा देने और उन्हें देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से जोड़ने के मकसद से शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिछली सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “दिल्ली देश की राजधानी है, फिर भी पिछले 27 सालों में सरकारों के शासन में प्रति 1000 लोगों पर केवल 0.42 अस्पताल के बिस्तर उपलब्ध थे। दूसरे शब्दों में कहें तो दिल्ली की सरकार अपने नागरिकों के लिए एक बिस्तर भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं करा सकी। 38 सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 6 एमआरआई मशीनें और बारह सीटी स्कैन थे। दवाओं, मशीनरी, तकनीक, डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी थी। मरीज आते थे, लेकिन उन्हें गेट पर ही लौटा दिया जाता था।”

रेखा गुप्ता ने पिछली आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “ये लोग वर्ल्ड क्लास हेल्थ मॉडल की बात करते थे। मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार हुआ। दवाइयों के बड़े-बड़े बिल बनाए गए। इन क्लीनिक में लगाए गए कर्मचारी संख्या गिनते थे, क्योंकि सरकार ने प्रति मरीज के हिसाब से 40 रुपये देने का वादा किया था। ऐसे में एक दिन में 200 मरीजों का पर्चा बना दिया गया। हर जगह दवाइयों की खरीद में, कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट और अस्पताल की इमारतें बनाने में भ्रष्टाचार हुआ।”