देश विरोधी काम करने वाले संगठनों के साथ कांग्रेस का गठजोड़ : राजीव चंद्रशेखर

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नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन संगठनों के साथ गठबंधन कर रही है जो देश विरोधी काम करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इसका एक उदाहरण वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा की जीत का दिया है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाजपा नेता ने कहा कि अब तक कांग्रेस का जमात-ए-इस्लामी, एसडीपीआई और पीडीपी के साथ राजनीतिक लेन-देन गुप्त रखा जाता था। लेकिन जमात के दबाव के कारण अब उन्हें खुले तौर पर यह स्वीकार करना पड़ा है कि जमात प्रभावी रूप से इंडी गठबंधन का हिस्सा बन गई है। वायनाड लोकसभा सीट जहां से पहले राहुल गांधी ने चुनाव जीता और जब उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दिया तो उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव लड़ा और जीता। उनकी जीत के बाद अब लोग कहने लगे हैं कि उनकी जीत के पीछे कांग्रेस की मेहनत नहीं बल्कि जमात-ए-इस्लामी का गठबंधन था।

भाजपा नेता ने कहा कि कभी इसी संगठन के बारे में कांग्रेस के नेताओं ने माना था कि यह बहुत ही खतरनाक संगठन है। कांग्रेस के लोग जो राजनीति कर रहे हैं, कांग्रेस की जो असल सच्चाई है, उसे देश के हर नागरिक को जानने की आवश्यकता है। राहुल गांधी संविधान की कॉपी लेकर संविधान की बात करते हैं। जबकि, जमात-ए-इस्लामी संगठन इस्लामिक कानून लाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि 1941 में स्थापित एक संगठन पर लंबे समय से राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाया जाता रहा है। 2018 में खुद कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने अदालत में जमात-ए-इस्लामी को खतरनाक, धर्मनिरपेक्षता विरोधी और संविधान विरोधी समूह बताया था। इसके बावजूद नीलांबुर उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने पहली बार खुले तौर पर जमात-ए-इस्लामी का समर्थन स्वीकार किया और जीत हासिल की। जो पहले एक गुप्त गठबंधन था, वह अब सार्वजनिक हो गया है।

यह किसी भी कीमत पर जीतने की कांग्रेस की हताशा को दर्शाता है, भले ही इसका मतलब लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ ताकतों के साथ साझेदारी करना हो।

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे द्वारा आरएसएस पर दिए एक बयान पर भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रियांक खड़गे को पहले अपने पिता मल्लिकार्जुन खड़गे से बात करनी चाहिए, वह पार्टी अध्यक्ष भी हैं, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि सभी निर्णय हाईकमान द्वारा किए जाते हैं। इसलिए पिता और पुत्र दोनों को पहले हाईकमान के साथ स्पष्ट करना चाहिए कि वे किसे और कहां प्रतिबंधित करना चाहते हैं।