धमतरी, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में देश में गरीबों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं में से एक राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना है, जिसके तहत गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराया जाता है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रति परिवार 30 किलो राशन, जबकि केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त 5 किलो अनाज दिया जा रहा है। इस योजना से जिले के हजारों गरीब परिवारों को राहत मिली है और वे अब दो वक्त की रोटी की चिंता से मुक्त होकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
सरकार की मंशा है कि देश का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना के माध्यम से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज, चना, नमक और शक्कर जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थ मुहैया कराए जा रहे हैं। इस योजना का लाभ आज देशभर में करोड़ों लोग उठा रहे हैं।
कोरोना काल में यह योजना गरीबों के लिए किसी अमृत से कम नहीं थी। जब महामारी के दौरान रोजगार ठप हो गए थे, तब यही राशन योजना लोगों की जीवनरेखा बनी रही। जिले की हितग्राही विनीता कोठारी और मनीष ध्रुव ने बताया कि उन्हें हर माह राशन कार्ड के माध्यम से 35 किलो अनाज मिल रहा है, जिससे उनका पूरा परिवार भरपेट भोजन कर पा रहा है।
वनांचल क्षेत्रों के आदिवासी परिवारों को शासन की ओर से अनाज के साथ चना, शक्कर और नमक भी वितरित किया जा रहा है। हितग्राही विनीता कोठारी ने केंद्र और राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना ने उनके परिवार की जिंदगी बदल दी है।
राशन दुकान के सेल्समैन डी. डी. गौर ने बताया कि प्रत्येक माह सरकार की ओर से मिलने वाले राशन के वितरण के समय लोगों के चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ झलकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना ने गरीबों को न सिर्फ राहत दी है बल्कि समाज में आत्मनिर्भरता की भावना को भी मजबूत किया है।