नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित होने वाले दुबई एयर शो 2025 में भारत अपनी उन्नत रक्षा शक्ति, प्रौद्योगिकी और उद्योग क्षमताओं का व्यापक प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। भारतीय वायुसेना यहां प्रमुख एयर शो में शामिल होगी। इंडियन एयरफोर्स की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम व स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस दुबई के आसमान में उड़ान भरेंगे।
दुबई में ये आयोजन सोमवार 17 नवंबर व 18 नवंबर को आयोजित किए जाएंगे। यहां इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के नेतृत्व वाला उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में रक्षा विभाग, रक्षा उद्योग उत्पादन विभाग, विदेश मंत्रालय और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यहां लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के साथ-साथ द्विपक्षीय बैठकें एवं उद्योग सहयोग वार्ता भी होगी।
दुबई एयर शो के दौरान रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ अपने यूएई समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह बैठक भारत-यूएई रक्षा सहयोग को और मजबूत करने, रक्षा विनिर्माण, तकनीकी साझेदारी और सामरिक आदान–प्रदान को आगे बढ़ाने पर केंद्रित होगी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार रक्षा राज्यमंत्री लगभग 50 अंतरराष्ट्रीय रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनियों के साथ एक महत्वपूर्ण उद्योग गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसमें भारत, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्राजील, यूके और इटली की प्रतिष्ठित कंपनियां शामिल होंगी। गोलमेज चर्चा का मुख्य उद्देश्य भारत में रक्षा विनिर्माण, तकनीकी हस्तांतरण, नवाचार और भविष्य की साझेदारी को गहन बनाना होगा। संजय सेठ दुबई एयर शो में स्थापित इंडिया पविलियन का उद्घाटन करेंगे। इस पविलियन में भारत की प्रमुख रक्षा एवं तकनीकी संस्थाओं की प्रदर्शनी लगेगी।
रक्षा कंपनियों में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, डीआरडीओ, कोरल टेक्नोलॉजी आदि शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ये स्टॉल भारत के उभरते रक्षा उद्योग, स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स, उन्नत अनुसंधान एवं तकनीकी क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेंगे। यहां स्वतंत्र रूप से भाग लेने वाली भारतीय कंपनियों की भागीदारी भी होगी। इंडिया पविलियन के अतिरिक्त 19 भारतीय रक्षा एवं तकनीकी उद्योग अपने-अपने स्टॉल लगाकर स्वतंत्र रूप से भाग लेंगे। इनमें भारत फोर्ज, ब्रहमोस एयरोस्पेस, टेक महिंद्रा, एचबीएल इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये कंपनियां मिसाइल प्रणालियों, एयरोस्पेस समाधानों, उच्च-तकनीकी विनिर्माण और रक्षा डिजिटलाइजेशन क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी। इसके अलावा, 15 भारतीय स्टार्टअप भी अपनी उभरती रक्षा तकनीकों, एआई-आधारित समाधानों, सेंसर सिस्टम, स्वायत्त प्लेटफॉर्म और आधुनिक सैन्य तकनीकों को प्रदर्शित करेंगे। यहां दुबई में भारतीय वायुसेना की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है।
भारतीय वायुसेना अपने दो प्रमुख एयर शो आकर्षणों के साथ भाग लेगी। वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम अपनी विश्व प्रसिद्ध हवाई कौशल का प्रदर्शन करेगी। वहीं भारतीय वायुसेना का एलसीए तेजस, जो कि भारत में ही निर्मित हल्का लड़ाकू विमान है, वह भी यहां नजर आएगा।
गौरतलब है कि एलसीए तेजस के प्रति वैश्विक बाजार में रुचि बढ़ती जा रही है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दुबई एयर शो में यह भागीदारी भारत की बढ़ती एयरोस्पेस क्षमता और आत्मनिर्भरता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करेगी। दरअसल दुबई एयर शो एक द्विवार्षिक एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी है, जो दुनिया के सबसे बड़े और प्रभावशाली आयोजनों में गिनी जाती है। 2025 संस्करण में 1,500 से अधिक प्रदर्शक, 150 देशों से 148,000 से अधिक पेशेवर भाग ले रहे हैं।
बॉम्बार्डियर, डसॉल्ट एविएशन, एम्ब्रेयर, थालेस, एयरबस, लॉकहीड मार्टिन, कलीडस जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी इसमें प्रमुख भागीदार हैं। दुबई एयर शो 2025 में भारत की भागीदारी न केवल देश की रक्षा नवाचार यात्रा और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को प्रदर्शित करेगी, बल्कि वैश्विक रक्षा सहयोग, निवेश और तकनीकी समन्वय के नए मार्ग भी खोलेगी।

