ईडी ने पीएमएलए के तहत गोवा में 1,268 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की

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पणजी, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी जोनल ऑफिस ने गोवा में एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया। ईडी ने कार्रवाई करते हुए 5 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैली 19 अचल संपत्तियों को अस्‍थायी रूप से अटैच किया है। ये संपत्तियां अंजुना, असगांव, उकासिम जैसे गोवा के प्रीमियम इलाकों में स्थित हैं और इनकी कुल अनुमानित कीमत 1,268.63 करोड़ रुपए है।

यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है। ईडी के मुताबिक, शिवशंकर मायेकर के नेतृत्व वाले एक समूह द्वारा अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की गई थी, जिसमें कई प्रकार के जाली भूमि स्‍वामित्‍व दस्‍तावेजों का उपयोग किया गया था।

इससे पहले 9 और 10 सितंबर को की गई तलाशी के दौरान एजेंसी ने 12.85 करोड़ रुपए के बैंक अकाउंट्स और कीमती संपत्तियों को भी जब्त व फ्रीज किया था।

धन शोधन की जांच गोवा पुलिस द्वारा यशवंत सावंत और अन्‍य के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से शुरू हुई है, जिसमें सर्वेक्षण संख्‍या 496/1-ए, अंजुना में भूमि के संबंध में अंजुना के समुदाय के साथ कथित रूप से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर जाली दस्‍तावेजों का उपयोग करके अपने नाम पर भूमि का फर्जी दाखिल-खारिज करवा लिया। इसके कुछ हिस्‍से को तीसरे पक्ष को बेचकर अपराध से धन अर्जित किया।

ईडी की जांच में मायेकर को मुख्‍य साजिशकर्ता बताया गया है और आरोप है कि उसने अपने रिश्‍तेदारों और सहयोगियों के नाम पर गोवा में कई जमीन अवैध रूप से खरीदीं। उसे एक अक्‍टूबर को गिरफ्तार किया गया था और वह अभी न्‍यायिक हिरासत में है।

जांच में अंजुना और असगांव में अवैध भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चार और एफआईआर भी सामने आई हैं। कई और जमीन भी इसी तरह की धोखाधड़ी से खरीदे जाने का संदेह है।

इन संपत्तियों से संबंधित जानकारी पीएमएलए के अंतर-एजेंसी समन्‍वय तंत्र के तहत संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा की जा रही है।

जांच में मायेकर के नेतृत्‍व वाले समूह द्वारा कथित रूप से अपनाई गई एक व्‍यवस्थित कार्यप्रणाली का खुलासा हुआ है, जिसमें असुरक्षित या कम मूल्‍यांकित भूमि के टुकड़ों की पहचान करना, जाली कागजात तैयार करके इन जमीनों को खुद से संबंधित लोगों के नाम पर परिवर्तित करके अपराध से अतिरिक्त आय अर्जित करके तीसरे पक्ष को बेचने का खुलासा हुआ है।