कराची
कंगाल पाकिस्तान चीन से लेकर सऊदी अरब तक से लोन के लिए गुहार लगा रहा है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से लोन की ताजा किश्त मिल जाएगी लेकिन अब इसके आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। आईएमएफ ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए लोन ले न कि चीन के सीपीईसी लोन को चुकाने के लिए करे। इस बीच पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञों ने शहबाज शरीफ सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आईएमएफ से लोन नहीं मिला तो देश का डिफॉल्ट होना तय है।
पाकिस्तान के चर्चित अर्थशास्त्री डॉक्टर कैसर बंगाली ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मंदी में है और अगर आईएमएफ ने लोन नहीं दिया तो देश का डिफॉल्ट होना तय है। कैसर ने कहा कि इस संकट की घड़ी में सरकार अतिरिक्त टैक्स राजस्व हासिल नहीं कर सकती है। इसकी बजाय उसे बजट में अपने खर्चों को कम करना होगा। इसकी बजाय शहबाज सरकार को बजट के अंदर अपने खर्च को घटाना होगा। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह पहले तक हमारे नेता उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें नई विदेशी वित्तीय मदद मिलेगी लेकिन यह उम्मीद अब खत्म हो गई है।
पाकिस्तान पर चीन, सऊदी और यूएई का कर्ज
बंगाली ने कहा, 'ऐसा लगता है कि आईएमएफ अब पाकिस्तान से कुछ राजनीतिक छूट मांग रहा है और यही वजह है कि लोन प्रोग्राम लटक गया है।' उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान अपना बजट तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ पसंदीदा सेक्टर को छूट मिल सकती है लेकिन बाकी सेक्टर को कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपना रक्षा बजट घटाना होगा।
पाकिस्तानी विशेषज्ञ ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब आईएमएफ पाकिस्तान के कई बार गुहार लगाने के बाद भी लोन देने से परहेज कर रहा है। इससे बजट से पहले पाकिस्तान अब दुविधा में फंस गया है। वहीं पाकिस्तान को अब रास्ता नहीं सूझ रहा है। पाकिस्तान को हर हालत में आईएमएफ से लोन लेना ही होगा लेकिन वैश्विक एजेंसी इसे लटकाए हुए है। वहीं लोन में देरी से पाकिस्तान के डिफॉल्ट होने का खतरा मंडराने लगा है। पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज है। इसके अलावा उसने सऊदी अरब और यूएई समेत कई देशों से कर्ज ले रखा है। अब इन्हें लौटाने में पाकिस्तान के पसीने छूट रहे हैं।